मध्य प्रदेश : हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार से पूछा- ‘किस आधार पर साधु-संन्यासियों को बनाया मंत्री?’
इंदौर: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पांच साधु-संन्यासियों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सोमवार को सरकार को नोटिस जारी किया. हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि संतों को किस आधार पर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देने के बाद रामबहादुर वर्मा ने इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. साथ ही इस निर्णय की संवैधानिक वैधता पर प्रश्न उठाया गया था. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने कुछ दिनों पहले कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज समेत पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. इन सभी संतों को सरकार द्वारा गठित विशेष समिति का सदस्य भी बनाया गया हैं.
भाजपा में उठे विरोध के सुर
सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस कदम पर विपक्ष समेत उनकी ही पार्टी में उनके खिलाफ विरोध के सुर फूटने लगे हैं. पार्टी के कुछ लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने 5 लोगों का समर्थन पाने के लिए 500 लोगों को पार्टी से दूर कर दिया है. इससे पार्टी को नुकसान ही होगा. बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने बीते तीन अप्रैल को राज्य में, खासकर नर्मदा नदी के किनारे वाले इलाकों में पौधारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष समिति गठित की थी. इस समिति में पांच साधु-सन्यासियों नर्मदानंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, हरिहरानंद महाराज, भैय्यूजी महाराज और योगेंद्र महंत को नामित किया था. इस समिति के सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. आपको बता दें कि शिवराज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम चाहते हैं समाज का हर वर्ग विकास और लोगों के लिए कल्याण के लिए काम करें. यही वजह है कि हमने समाज के प्रत्येक वर्ग को एक साथ लाने का प्रयास किया है.
राहुल गांधी ने भी ली थी चुटकी
गौरतलब है कि राज्यमंत्री का दर्जा मिलने से पहले ये साधु प्रदेश सरकार के खिलाफ ‘नर्मदा रथ घोटाला यात्रा’ निकाल रहे थे, लेकिन बाद में समिति के गठन होने पर यात्रा को रद्द कर दिया गया. यात्रा रद्द करने पर कंप्यूटर बाबा ने कहा था कि हम लोगों ने यह यात्रा निरस्त कर दी है, क्योंकि सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए साधु-संतों की समिति बनाने की हमारी मांग पूरी कर दी है. अब भला यात्रा क्यों निकालेंगे. वहीं इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिल्मी अंदाज में चुटकी लेते हुए ट्वीट किया था कि ‘बाबा कहते थे बड़ा काम करूंगा, नर्मदा घोटाला नाकाम करूंगा, मगर यह तो, मामा ही जाने, अब इनकी मंज़िल है कहां! मध्य प्रदेश, क़यामत से क़यामत तक.’