ममता सरकार के पतन की हो चुकी है शुरुआत, बंगाल में जीतेंगे 200 सीटें: अमित शाह
बांकुड़ा (पश्चिम बंगाल)। अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के अभियान को धार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है। शाह ने राज्य में कुल 294 सीटों में से पार्टी के लिए 200 सीटें जीतने तथा राज्य में सत्ता में आने का लक्ष्य निर्धारित किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भारी रोष को महसूस कर रहे हैं और इस सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है। शाह ने लोगों का आह्वान किया कि ‘सोनार बांग्ला’ के सपने को मूर्त रूप देने के लिए भाजपा को अगली सरकार बनाने का मौका दें। क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद शाह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ कल रात से मैं पश्चिम बंगाल में हूं और ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों की भारी नाराजगी महसूस कर सकता हूं। हमें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में बदलाव लाने का पूरा भरोसा है।’’ पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर आए शाह ने भाजपा सदस्यों की ‘हत्या’ को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं और उन पर अत्याचार हो रहा है, मैं महसूस कर सकता हूं कि ममता बनर्जी सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है।’’शाह ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि बंगाल में अगली सरकार हम दो तिहाई बहुमत से बनाएंगे।’’ गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान और आयुष्मान भारत सहित केंद्र की करीब 80 योजनाओं का लाभ राज्य के गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचने नहीं दे रही। गरीबों, आदिवासियों और पिछड़े समुदायों के लिए बनाई गई 80 से अधिक योजनाओं को राज्य में लागू नहीं करने दिया जा रहा।’’ शाह ने कहा, ‘‘ममता दीदी की गलत धारणा है कि केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं कर वह भाजपा को राज्य में रोक देंगी। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगर इन योजनाओं की वह अनुमति दें तो हो सकता है कि गरीब उन पर भी विचार करें।’’ शाह वर्ष 2021 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार रात को कोलकाता पहुंचे। उन्होंने रेखांकित किया कि पश्चिम बंगाल सीमावर्ती राज्य है और देश की सुरक्षा इससे जुड़ी हुई है। बांकुड़ा के एक दिवसीय दौरे पर आए शाह के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि बांकुड़ा आदिवासी और पिछड़े समुदाय की आबादी वाला जिला है और यह उन जिलों में शामिल है जहां पर भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी गहरी पैठ बनाई। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संगठन का जायजा लेने बांकुड़ा का दौरा करने वाले शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कठिन परिश्रम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके। मीडिया को दूर रखते हुए बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश इकाई को बंगाल में सत्ता में आने के लिए तृणमूल कांग्रेस से कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा। फिलहाल विधानसभा में भाजपा के आठ विधायक हैं। उसे (सत्तारूढ़) तृणमूल कांग्रेस के उन आठ विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो 2019 के आम चुनाव के बाद उसके पाले में आ गये थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को केंद्र की जनोन्मुखी नीतियों और राज्य की ममता बनर्जी सरकार की जनविरोधी नीतियों की चर्चा करने को कहा। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ उन्होंने हमें पश्चिम बंगाल के लोगों को यह बताने को कहा कि कैसे उन्हें उनके मतलब की केंद्रीय योजनाओं से वंचित किया जा रहा है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दिया। हमें लोगों को राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के बारे में बताने को कहा गया