महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर सीएम योगी आदित्याथ ने जताया शोक, बताया- अपूरणीय क्षति

लखनऊ/प्रयागराज। प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने शोक  व्यक्त किया है। योगी आदित्यनाथ ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!’यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक व्यक्त किया है। केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट कर कहा कि ‘पूज्य महाराज जी ने देश धर्म संस्कृति के लिए जो योगदान दिया है उसे भूलाया नहीं जा सकता है ,अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ भगवान से प्रार्थना है कि सभी भक्तों शिष्यों को दुख सहने की शक्ति दें भगवान पुण्यात्मा को चरणों में स्थान दें !! ॐ शान्ति शान्ति शान्ति’ अपने एक अन्य ट्वी में मौर्या ने लिखा ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि पूज्य महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज ने ख़ुदकुशी की होगी, स्तब्ध हूँ निःशब्द हूँ आहत हूँ,मैं बचपन से उन्हें जानता था,साहस की प्रतिमूर्ति थे,मैंने कल ही सुबह 19 सितंबर को आशीर्वाद प्राप्त किया था,उस समय वह बहुत सामान्य थे बहुत ही दुखद असहनीय समाचार है!’अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को यहां स्थित अपने बाघंबरी गद्दी मठ में मृत मिले। मठ के बाहर जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद हैं तथा अभी किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। नगर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि महंत की मृत्यु फांसी लगने से हुई है। उन्होंने आगे और जानकारी नहीं दी। गिरि निरंजनी अखाड़े के सचिव भी थे। महंत नरेंद्र गिरि के कमरे में 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। यूपी के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट में आनंद गिरि को जिम्मेदारी बताया गया है। सुसाइड नोट में आनंद गिरि को खुदकुशी का जिम्मेदारी ठहराया गया है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में कई तरह की बातों का जिक्र किया गया है। ऐसा लगता है महंत नरेंद्र गिरि शिष्य से दुखी थे। वसीयतनामा की तरह सुसाइड नोट मिला है।

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