महिलाओं के हक में तालिबान का बड़ा फैसला, अब नहीं होगी जबरन शादी

अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने महिलाओं पर कई पांबदी लगाई है लेकिन पहली बार तानाशाही तालिबान ने महिलाओं के हक में एक बड़ा फैसला सुनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान में अब महिलाओं की जबरदस्ती शादी नहीं कराई जाएगी। इसका फैसला खुद के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंजादा द्वारा किया गया है। तालिबान के इस फैसले को विकसित देशों से मान्यता हासिल करने के लिए एक बहाने के रूप में देखा जा रहा है।

15 अगस्त को तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हुआ था लेकिन अभी तक इसे विकसित देशों से कोई मान्यता नहीं मिल पाई हैं। इसी वजह से विदेशी देशों से अफगानिस्तान को कोई भी सुविधाएं और फंड नहीं मिल पा रही है। विकसित देशों से कोई भी संसाधन न मिलने के कारण अफगानिस्तान अब गरीबी की कगार पर पहुंच गया है। अखुंजादा ने महिलाओं को लेकर घोषणा करते हुए कहा कि, महिला और पुरूष दोनों बराबर होने चाहिए। कोई भी महिलाओं की जबरन या दबाव में शादी करना गलत है और कोई ऐसे शादी करने के लिए दबाव नहीं बना सकता है। अफगानिस्तान में गरीबी और रूढ़िवादी सोच के कारण महिलाओं की या तो जबरदस्ती शादी करा दी जाती है या फिर मौत के घाट उतार दिया जाता है। ऐसे में कई परिवार अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए अपनी ही बेटियों को या तो बेच देते है नहीं तो उनकी जबरदस्ती शादी करा देते है। अब तालिबान के इस आदेश के बाद महिलाओं की शादी जबरन कराने पर रोक लगा दी जाएगी। बता दें कि, इस कितने उम्र में शादी करा देनी चाहिए को लेकर कोई नियम नहीं आया है। पहले महिलाओं की 16 साल की उम्र में शादी करा दी जाती थी।

एक संपत्ति की तरह इस्तेमाल होती है अफगान की महिलाएं

अफगानिस्तान में हमेशा से महिलाओं का इस्तेमाल एक संपत्ति के तौर पर किया जाता है। अपना पेट पालना हो या लड़ाई खत्म करनी हो तो लोग महिलाओं का इस्तेमाल कर उनकी जबरन शादी करा देते है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। तालिबान द्वारा लागू किए गए इस फैसले के बाद इसे एक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। जबरन शादी के अलावा अब अफगानिस्तान में विधवाओं के लिए भी तालिबान ने एक नया आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, अब विधवाओं को अपनी मर्जी का पति चुनने का अधिकार होगा। तालिबान ने कहा कि, अगर किसी महिला के पति की मौत हो जाती है तो वह 17 हफ्तों के बीच दूसरी शादी रचा सकती है।

तालिबान की विधवा महिलाओं को लेकर अजीबोगरीब नियम 

बता दें कि , विधवा महिला पहले अपने पति के भाई या किसी रिश्तेदार से शादी कर सकती थी लेकिन तालिबान के नए आदेश के बाद महिलाएं अपनी मर्जी से अपना पति चुन सकती है। तालिबान ने साथ में यह भी कहा कि, अफगानिस्तान की अदालतों में महिलाओं के साथ, खासतौर पर विधवा महिलाओं के साथ सही बर्ताव करने का आदेश जारी किया गया है। तालिबान का यह आदेश ऐसे समय पर आया है जब 7वीं से 12वीं तक की अफगान लड़कियों को स्कूल जाने से रोका गया है। इस समय कामकाजी महिलाएं भी अफगानिस्तान में काम नहीं कर सकती है क्योंकि इस समय महिलाओं के काम करने पर भी बैन लगा हुआ है।

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427