मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कारण राजस्थान में अराजकता का मौहाल – भाजपा
जयपुर. राजस्थान में सियासी संग्राम जारी है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शुरू हुए इस बवाल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का नाम भी जमकर आ रहा है। शनिवार को राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल के सामने कई मुद्दे रखे।
मुलाकात के बाद गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य का मुखिया होता है और उन्होंने कहा कि वह कानून और व्यवस्था की स्थिति में उल्लंघन के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। अगर वह नहीं, तो कौन जिम्मेदार होगा? उन्हें इस तरह की भाषा का उपयोग करने के लिए त्यागपत्र देना चाहिए। राज्यपाल को आप अपने कैबिनेट का निर्णय देकर तो आ सकते हैं परन्तु उसका निर्णय उनकी छाती पर खड़े रहकर लेकर निकलोगे, ये व्यवहार तुम कहां से सीखकर आए।गुलाब चंद कटारिया ने बताया, “हमने राज्यपाल जी को कहा है कि जिस प्रकार की राजस्थान में स्थिति बनी है और बन रही है, इस संवैधानिक पद पर आप विराजमान हैं इन सब मूल्यों की रक्षा के लिए हम आपको ज़िम्मेदारी देते हैं।”
राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री द्वारा दी गई ‘8 करोड़ लोग राजभवन का घेराव करेंगे’ की चेतावनी, IPC की धारा 124 के तहत सजा को आमंत्रित कर सकती है। उन्होंने कहा कि हमने आज राज्यपाल को ज्ञापन दिया है जिसमें निवेदन किया है कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति कैसे नियंत्रण में आए, इसपर विचार करने की आवश्यकता है। 35000 से ज्यादा मामले हो गए हैं, कम से कम इस तरीके से राजस्थान को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।
भाजपा के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि गवर्नर हाउस में कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का एक निम्न-बिंदु था। राज्य में कोई शासन नहीं है, जो सत्ता में हैं वे हफ्तों से एक पांच सितारा होटल में ठहरे हैं। विभिन्न मुद्दों के कारण राजस्थान के लोग परेशान हैं।