मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं,मैं सभी के साथ मित्रता चाहता हूं, किसी की गुलामी नहीं-इमरान
कराची। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि शहबाज शरीफ नीत ‘‘आयातित सरकार’’ उन्हें ‘‘खेल से बाहर’’ करने की कोशिश कर रही है। इमरान खान ने साथ ही उन्हें सत्ता से बाहर करने को एक ‘‘फिक्स’’ मैच करार दिया, जिसका मकसद पाकिस्तानियों को विदेशी ताकतों का गुलाम बनाना है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान ने शनिवार रात एक रैली को संबोधित करते हुए लोगों से सवाल किया कि क्या उन्हें लगता है कि उनकी (खान की) सरकार ‘‘साजिश या हस्तक्षेप’’ की शिकार हुई है। उन्होंने कहा कि कराची यात्रा का उद्देश्य उनकी राजनीतिक पार्टी के हित में नहीं था, बल्कि यह पाकिस्तान और उसके बच्चों के भविष्य के लिए है। पीटीआई के खिलाफ विदेशी चंदा मामले पर बात करते हुए खान ने कहा कि यह मामला उन्हें ‘‘खेल से बाहर’’(राजनीतिक परिदृश्य) करने के लिए दर्ज किया गया है। अपने संबोधन में खान ने कहा,‘‘ मैं देश को यह बताना चाहता हूं कि मैं कभी किसी देश के खिलाफ नहीं रहा। मैं भारत विरोधी, यूरोप विरोधी और अमेरिका विरोधी नहीं हूं। मैं दुनिया की मानवता के साथ हूं। मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं,मैं सभी के साथ मित्रता चाहता हूं, किसी की गुलामी नहीं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ मैं कहता हूं कि विदेशी चंदा और उनके (शहबाज शरीफ) भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई साथ में चलनी चाहिए।’’खान ने आशंका जताई कि उनके और उनके पूर्व मंत्रिमंडल के खिलाफ संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) और राष्ट्रीय जबावदेही ब्यूरो(एनएबी) ‘‘झूठे मामले’’ दर्ज कर सकती है। विदेशी चंदा मामला 14 नवंबर 2014 से लंबित है, और इसे पीटीआई के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि देश में और विदेशों से पार्टी के वित्तपोषण में कुछ वित्तीय अनियमितताएं हैं। खान ने अपने समर्थकों से कहा,‘‘ अगर आप हमें दीवार की ओर धक्का दोगे, तो आप को नुकसान पहुंचेगा,देश को नहीं। हमें शांतिपूर्वक रहना है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘कराची मैं दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूं। मैं यहां कुछ खास चीजों पर बात करने आया हूं,क्योंकि समस्या आपकी और आपके बच्चों के भविष्य की है। हमारे देश के खिलाफ यह साजिश…मैं चाहता हूं कि आप ध्यान से सुनें कि यह साजिश थी या हस्तक्षेप।’’ खान ने आरोप लगाया,‘‘ मुझे एक पत्रकार ने बताया कि हम पर बहुत रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस हिसाब से साजिश कुछ वक्त से चल रही थी और तभी अमेरिका में हमारे राजदूत डोनाल्ड लू (दक्षिण तथा मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री) से मुलाकात की।’’ इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने न्यायपालिका को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उन्होंने देश का कानून कभी नहीं तोड़ा। खान ने जानना चाहा कि उन्होंने कौन सा जुर्म किया था कि न्यायपालिका को पिछले शनिवार आधी रात में अदालतें खोलने की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने कहा,‘‘ मैंने पाकिस्तान की दो बड़ी धर्मार्थ संस्थाएं स्थापित कीं। मैंने शौकत खानम बनाया और दो विश्वविद्यालय बनवाए। मैं इकलौता नेता हूं, जिसे पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सादिक और अमीन घोषित किया है।’’ पूर्व क्रिकेटर खान ने क्रिकेट की शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए कहा कि जब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया,तब वह जानते थे कि ‘‘मैच फिक्स’’ है।