मोदी सरकार ने किया आरक्षण का फैसला, विपक्षियों ने कहा- जुमले से ज्यादा कुछ नहीं
मोदी सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है. ये फैसला खासतौर से उन लोगों के लिए लिया गया है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. जिन सवर्णों की सालाना आय 8 लाख रुपए से कम है उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस मुद्दे पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि नए साल का इससे बेहतर कोई और उपहार नहीं हो सकता. कैबिनेट ने फैसला किया है कि सालाना 8 लाख आमदनी या 5 एकड़ से कम खेती वाले सामान्य वर्ग को भी आरक्षण की सुविधा दी.इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है. यह कानूनी पेचीदगियों से भरा हुआ है और संसद के दोनों सदनों से इसे पारित करने का कोई समय नहीं है. सरकार पूरी तरह से बेनकाब है.जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़ी सवर्ण जातियों के लिए आरक्षण. चुनाव की घोषणा करने वाले बिगुल ने अच्छी और सही तरह से आवाज़ दी है
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते. वो भी तब जब चुनाव नुक्कड़ पर पहुंच गए हैं. कोईकोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या करते हैं, वे ‘जुमले’ क्या देते हैं, इस सरकार को बचाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है.