यूपी-उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी की हालत गंभीर
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को बुखार और रक्तचाप के ‘खतरनाक स्तर पर नीचे जाने’ से हालत गंभीर होने के बाद आज यहां एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया. उनके सहयोगी ने यह जानकारी दी. मैक्स सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि 92 वर्षीय राजनेता के लिए अगले 48 से 72 घंटे काफी महत्वपूर्ण हैं.
तिवारी के एक सहयोगी ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 12 बजे तिवारी को किसी संक्रमण की वजह से बुखार आया और हृदयगति अनियमित हुई. उनका रक्तचाप बहुत नीचे गिर गया. उन्होंने कहा, ‘गंभीर हालत में उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती करवाया गया.’ डॉक्टरों का एक दल उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए है.
पिछले साल हुआ था मस्तिष्काघात
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते वर्ष 20 सितंबर को भी पूर्व केंद्रीय मंत्री एनडी तिवारी को गंभीर हालत में मस्तिष्काघात के बाद दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तिवारी (91) को अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखा गया था. तिवारी के पुत्र रोहित ने कहा था कि उनके पिता सुबह यहां अपने घर पर चाय पीते समय बेहोश हो गए थे.
कानूनी लड़ाई के बाद तिवारी ने रोहित को अपना बेटा माना था
आपको बता दें कि मार्च 2014 में नारायण दत्त तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा माना था. रोहित को अपने पिता का नाम पाने के लिए छह साल तक कानूनी लड़ाई लडऩी पड़ी थी. तमाम कानूनी दांवपेच के बाद भी तिवारी को अपना डीएनए टेस्ट कराना पड़ा था. इसमें यह साबित हो गया था कि तिवारी ही रोहित शेखर के पिता हैं. इसके बाद तिवारी ने रोहित की मां उज्जवला शर्मा से शादी भी की थी. रोहित भाजपा नेता हैं हालांकि, तिवारी ने कांग्रेस नहीं छोड़ी.
तिवारी अकेले ऐसे राजनेता हैं जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
गौरतलब है कि इस समय 91 साल के एनडी तिवारी अकेले ऐसे राजनेता हैं जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. वह केंद्र सरकार में मंत्री और राज्यपाल भी रहे हैं. ताउम्र कांग्रेसी रहे एनडी तिवारी के सभी दलों से अच्छे संबंध माने जाते हैं और उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले उनकी मौजूदगी में उनके बेटे रोहित शेखर तिवारी ने बीजेपी का दामन थामा था. तब यह अफ़वाह भी उड़ी थी कि एनडी भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं लेकिन एनडी कांग्रेस में ही रहे.