राजपक्षे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद से दिया इस्तीफा, विक्रमसिंघे कल लेंगे शपथ
कोलंबो: श्रीलंका में सत्ता संघर्ष को खत्म करते हुए राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा विवादास्पद कदम उठाने के बाद प्रधानमंत्री बनाए गए महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. रानिल विक्रमसिंघे रविवार को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के दो अहम फैसलों के कारण राजपक्षे का इस पद पर बने रहना नामुमकिन हो गया था जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. राजपक्षे के समर्थक सांसद शेहन सेमासिंघे ने बताया कि उन्होंने कोलंबो में अपने आवास पर हुए एक कार्यक्रम में त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिए. सांसद ने कहा, ‘‘राजपक्षे ने यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस (यूपीएफए) के सांसदों को बताया कि उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है.’’ सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सर्वसम्मति से फैसला दिया कि सिरिसेना द्वारा संसद भंग करना ‘‘गैरकानूनी’’ था. साथ ही कोर्ट ने शुक्रवार को राजपक्षे (73) को प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने से रोकने वाले अदालत के आदेश पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया था. विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने शनिवार को कहा कि सिरिसेना उन्हें पद पर फिर से बहाल करने के लिए राजी हो गए. राष्ट्रपति ने शुक्रवार को उनसे फोन पर बात की थी.
यूएनपी के महासचिव अकिला विराज करियावासम ने कहा, ‘‘हमें राष्ट्रपति सचिवालय से पता चला कि हमारे नेता कल सुबह प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.’’ गौरतलब है कि 26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के साथ शुरू हुआ अभूतपूर्व राजनीतिक और संवैधानिक संकट उनकी पुनर्नियुक्ति के साथ रविवार को खत्म होता प्रतीत हो रहा है. सांसद लक्ष्मण वाई ए ने शुक्रवार को कहा कि करीब एक दशक तक श्रीलंका पर शासन करने वाले राजपक्षे ने ‘‘देश के सर्वाधिक हित में’’ इस्तीफा देने का फैसला किया है. सांसद लक्ष्मण ने दावा किया कि राजपक्षे इस्तीफा दिए बगैर पदभार संभाल सकते हैं लेकिन उससे देश में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ेगी इसलिए पूर्व राष्ट्रपति ने कोर्ट के आदेश के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर राजपक्षे की नियुक्ति के खिलाफ कोर्ट ऑफ अपील का आदेश बरकरार रहेगा. राजपक्षे की अपील पर 16, 17 और 18 जनवरी को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से तीन सप्ताह के भीतर लिखित में दलीलें देने के लिए कहा है.
खबरों के मुताबिक नया मंत्रिमंडल सोमवार को शपथ लेगा. मंत्रिमंडल में 30 सदस्य होंगे और उसमें श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के छह सांसद शामिल होंगे. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के तौर पर राजपक्षे की नियुक्ति के बाद उन्हें 225 सदस्यीय संसद में बहुमत हासिल करना था लेकिन वह विफल रहे. इसके बाद सिरिसेना ने संसद भंग कर दी और पांच जनवरी को चुनाव कराने की घोषणा की. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनका फैसला पलट दिया और चुनाव की तैयारियों को रोक दिया. ज्यादातर देशों ने राजपक्षे सरकार को मान्यता नहीं दी थी.