राज्यसभा उपसभापति चुनाव: बंटा NDA, अकाली को हरिवंश नामंजूर, शिवसेना बोली- हम आपके साथ हैं
नई दिल्ली: राज्यसभा में बहुमत से दूर बीजेपी की नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की मुश्किलें और बढ़ गई है. गठबंधन में शामिल दो-दो दलों शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में बीजेपी के रुख पर एतराज जताया है. सूत्रों के मुताबिक, शिअद जेडीयू के उम्मीदवार हरिवंश की जगह अपनी पार्टी के सांसद नरेश गुजराल को आगे करने की मांग की है. अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी 9 अगस्त को होने वाली वोटिंग से भी दूर रह सकती है.
वहीं केंद्र और महाराष्ट्र सहयोगी शिवसेना ने भी अभी तक रुख साफ नहीं किया है. पार्टी सांसद संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि हम चुनाव के दिन अपना स्टैंड तय करेंगे. हरिवंश अच्छे पत्रकार हैं. लेकिन शिअद और नरेश गुजराल से भी हमारी सहानुभूति है. शिवसेना पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग से दूर रही थी. वहीं कई उपचुनाव भी बीजेपी से अलग होकर लड़ चुकी है. पार्टी ने हाल ही के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर भी लगातार सवाल उठाए हैं. आपको बता दें कि एनडीए ने नीतीश कुमार के करीबी हरिवंश को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हरिवंश ने कहा है कि हमें एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है.शिअद और शिवसेना के पास राज्यसभा में तीन-तीन सीटें हैं और एनडीए को बहुमत के लिए 123 सांसदों की जरूरत है. शिअद और शिवसेना को मिलाकर एनडीए के पास मात्र 115 सीटें हैं. एनडीए गठबंधन में सबसे अधिक सांसद 50 बीजेपी के पास हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि 9 सीटों वाली बिजू जनता दल (बीजेडी) और 13 सीटों वाली एआईएडीएमके उसका साथ देगी.वहीं यूपीए के पास 113 सीटें हैं. विपक्षी सूत्रों ने कहा है कि 35 तटस्थ सदस्य हैं और परिणाम इन्हीं पर निर्भर करेगा. अब राज्यसभा चुनाव में बीजेडी, एआईएडीएमके के अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों के रुख पर निर्भर करेगा. ये दल जिधर जाएंगे उसकी जीत होगी. राज्यसभा में टीआरएस के पास 6 और वाईएसआर के पास 2 सीटें हैं. वहीं 6 निर्दलीय और 7 नामांकित सांसद हैं.