राज्यसभा चुनाव: क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक कुलदीप बिश्नोई पर एक्शन, कांग्रेस ने सभी पदों से हटाया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कथित तौर पर ‘क्रॉस वोटिंग’ करने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को शनिवार को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार, सोनिया गांधी ने बिश्नोई को कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से बिश्नोई की सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है। उधर, हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद बिश्नोई ने ट्वीट किया, ‘फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते। सुप्रभात।’
बिश्नोई एक ट्विटर उपयोगकर्ता के उस ट्वीट को भी री-ट्वीट किया जिसमें कहा गया है, ‘सही वक्त पर लिया गया फैसला ही इंसान को औरों से अलग करता है।’ राज्यसभा चुनाव में माकन की हार के बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह यादव ने भी एक ट्वीट किया जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधा है। मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका इशारा हुड्डा परिवार की तरफ नहीं था।
बीजेपी ने कांग्रेस को दिया चकमा
उन्होंने कहा, ‘यह टिप्पणी मैंने उन राजनेताओं के बेटों के बारे में लिखी है जो पार्टी के उच्च पद लेने के बाद भी पार्टी को छोड़ जाते हैं, मसलन ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुलदीप बिश्नोई और आरपीएन सिंह आदि।’ हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा से राज्यसभा की दो सीट पर जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार देर रात दोनों की जीत की घोषणा की।चुनाव नियमों के उल्लंघन के आरोपों को लेकर मतगणना सात घंटे से अधिक देरी से शुरू हुई और देर रात दो बजे नतीजों की घोषणा की गई। निर्वाचन अधिकारी आरके नंदल ने बताया कि पंवार को 36 वोट मिले, जबकि शर्मा के खाते में प्रथम वरीयता के 23 मत गए और 6.6 वोट भाजपा से स्थानांतरित होकर आए, जिससे उनके मतों की कुल संख्या 29.6 हो गई। कांटे की टक्कर वाले इस मुकाबले में माकन को 29 वोट हासिल हुए, लेकिन दूसरी वरीयता का कोई वोट न होने के कारण वह हार गए।