राज्यसभा के उपसभापति बने NDA उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह, अविश्वास प्रस्ताव के बाद एक महीने में विपक्ष की दूसरी बड़ी हार
नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता को संसद के मानसून सत्र में दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा है। गुरुवार को हुए राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए हुए दिलचस्प चुनाव में NDA प्रत्याशी और जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह को शानदार जीत मिली है। उन्हें 125 वोट मिले जबकि विपक्ष के प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले। 2 सांसद सदन से अनुपस्थित रहे। राज्यसभा में मौजूदा आंकड़ा 244 का है। चुनाव जीतने के लिए उपस्थित सदस्यों के आधे यानि 123 सदस्यों की जरूरत होती है। जबकि हरि नारायण सिंह 125 वोट मिले। बता दें कि पीजे कुरियन के रिटायरमेंट के बाद जून में राज्यसभा के उपसभापति का पद खाली हो गया था।
प्रधानमंत्री से लेकर विपक्ष ने दी बधाई
पत्रकार से सांसद और अब राज्य सभा के उपसभापति बने हरिवंश नारायण सिंह की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हरिवंश जी कलम के बड़े धनी हैं। हरिवंश जी हमेशा से काफी शालीन रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वह सदन को अच्छे से चलाएंगे। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा- हरिवंश जी हमेशा से काफी शालीन रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वह सदन को अच्छे से चलाएंगे। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में कहा- हरिवंश जी पहले एनडीए के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद यह पूरे सदन के हो गए हैं किसी एक पार्टी के नहीं। वह अपना काम अच्छे से करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।
एनडीए के लिए अहम है जीत
पिछले एक महीने में यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए की दूसरी बड़ी जीत है। इससे पहले पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव में भी यूपीए को करारी हार का सामना करना पड़ा था। राज्यसभा में आज के चुनाव ने जहां विपक्ष के इस बिखराव को जगजाहिर कर दिया। वहीं सरकार के लिए कई महत्वपूर्ण बिलों को पास करवाने का रास्ता भी साफ कर दिया है।
काम आया फॉर्मूला
विश्लेषकों के अनुसार राज्य सभा में मौका कांग्रेस के पास भी था। लेकिन प्रधानमंत्री का गेमप्लान वास्तव में भारी पड़ा। एनडीए ने अपने सहयोगी जेडीयू के नेता को प्रत्याशी बनाया। जेडीयू के मात्र 6 सांसद हैं। वहीं कांग्रेस भी किसी अन्य प्रत्याशी को खड़ा कर छोटे दलों का भरोसा जीत सकती थी।
पहली बार सभापति और उपसभापति एनडीए से
यह पहली बार है कि राज्य सभा के सभापति और उपसभापति दोनों पदों पर एनडीए के प्रत्याशी काबिज हैं। बता दें कि देश के उपराष्ट्रपति ही राज्य सभा के सभापति होते हैं। भाजपा के मुखर नेता वैंकैया नायडू इस समय देश के उपराष्ट्रपति हैं।