राफेल सौदा: फ्रांस ने न्यायिक जांच आरंभ की
नयी दिल्ली। फ्रांस के साथ हुए भारत के राफेल सौदे को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। जहां एक ओर भारत के साथ राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी। इस जांच के लिए एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया गया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने फ्रांस में राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच आरंभ होने के दावे वाली रिपोर्ट का हवाला देते हुए शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आना चाहिए और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करानी चाहिए।
गौरतलब है कि फ्रांस की समाचार वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ 59000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में फ्रांस के एक न्यायाधीश को ‘बहुत संवेदशील’ न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह सामने आएं और ‘राफेल घोटाले’ की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने का आदेश दें।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ फ्रांस में जो ताजे खुलासे हुए हैं, उनसे साबित होता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ। कांग्रेस और राहुल गांधी की बात सही साबित हुई। अब यह घोटाला सबके सामने आ चुका है।’’ बहरहाल, इस मामले पर सरकार या भाजपा की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
‘मीडिया पार्ट’ के अनुसार, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर जांच गत 14 जून को औपचारिक रूप से आरंभ हुई। इस सौदे पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे। इस वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘भारत को 36 राफेल विमान बेचने के लिए 2016 में हुए 7.8 अरब यूरो के सौदे को लेकर फ्रांस में संदिग्ध भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच आरंभ हुई है।’’ उसने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक कार्यालय (पीएनएफ) की ओर से जांच की पहल की गई है। सौदे में कथित अनियमितताओं को लेकर अप्रैल में ‘मीडिया पार्ट’ की एक रिपोर्ट सामने आने और फ्रांसीसी एनजीओ ‘शेरपा’ की ओर शिकायत दर्ज कराने के बाद पीएनएफ की ओर से जांच का आदेश दिया गया है।
इस फ्रांसीसी वेबसाइट ने कहा, ‘‘दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर 14 जून को बहुत ही संवेदनशील न्यायिक जांच औपचारिक रूप से आरंभ हुई।’’ ‘मीडिया पार्ट’ से संबंधित पत्रकार यान फिलिपीन ने कहा कि 2019 में दायर की गई पहली शिकायत को पूर्व पीएनएफ प्रमुख की ओर से ‘दबा दिया गया था।’ अप्रैल महीने में इस वेबसाइट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए दावा किया था कि राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉं एविशन ने एक भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो दिए थे। दसॉं एविएशन ने इस आरोप को खारिज कर दिया था और कहा था कि अनुबंध को तय करने में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने इस विमान सौदे पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया था। कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है और 526 करोड़ रुपये के एक विमान की कीमत 1670 करोड़ रुपये अदा की गई। उसने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। भाजपा और सरकार की तरफ से आरोपों को कई मौकों पर खारिज किया गया और यह कहा गया कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में क्लीन चिट दे चुका है।
राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए अपने ट्वीट में कहा कि- चोर की दाढ़ी… इसके साथ ही राहुल गांधी ने #RafaleScam (राफेल स्कैम) का इस्तेमाल किया।
राफेल सौदे पर नयी रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने जेपीसी जांच की मांग फिर उठाई
कांग्रेस ने फ्रांस में राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच आरंभ होने के दावे वाली रिपोर्ट का हवाला देते हुए शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आना चाहिए और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करानी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि नए खुलासे से कांग्रेस और उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह बात सच साबित हुई कि इस लड़ाकू विमान सौदे में ‘घोटाला’ हुआ है।
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘फ्रांस में जो ताजे खुलासे हुए हैं, उनसे साबित होता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ। कांग्रेस और राहुल गांधी की बात सही साबित हुई। अब यह घोटाला सबके सामने आ चुका है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘फ्रांस में इस मामले की जो जांच शुरू हुई है उसके तहत फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद और मौजूदा राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की भी जांच होगी। राफेल निर्माता कंपनी दसॉं की साझेदार भारतीय कंपनी रिलायंस की कंपनी भी जांच के घेरे में है।’’सुरजेवाला ने कहा, ‘‘अब भ्रष्टाचार सामने है, घोटाला सामने है। क्या प्रधानमंत्री जी सामने आकर राफेल घोटाले की जांच कराएंगे?’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह भाजपा बनाम कांग्रेस का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है तथा ऐसे में प्रधानमंत्री को जेपीसी जांच करानी चाहिए।