रामपुर को फिर से नहीं बनने देंगे अराजकता का अड्डा-योगी
उत्तर प्रदेश के 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें आजमगढ़ और रामपुर शामिल है। दोनों ही क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी का दबदबा माना जाता है। आजमगढ़ से अखिलेश यादव ने 2019 में जीत हासिल की थी। लेकिन उनके इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हो गई है। जबकि रामपुर से आजम खान ने अपना इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में यहां भी लोकसभा के उपचुनाव हो रहे हैं। भले ही दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी का समीकरण बेहद मजबूत है। परंतु यह बात भी सच है कि इस बार के उपचुनाव में भाजपा ने दोनों ही सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यही कारण है कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ही सीटों पर चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। आज योगी आदित्यनाथ आजम खान के गढ़ रामपुर में चुनाव करने पहुंचे थे।रामपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने आजम खान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब रामपुर को फिर से अराजकता का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी के समर्थन में एक जनसभा में योगी ने कहा कि रामपुर की सुरक्षा और विकास के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार जरूरी है। उन्होंने आजम खां पर परोक्ष रूप से तंज करते हुए कहा रामपुर की अपनी धरोहर है, लेकिन कुछ लोगों ने इस धरोहर को नष्ट करना अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझ लिया था। भू-माफिया गरीबों की जमीन पर अतिक्रमण करते थे, उन्हें प्रताड़ित करते थे, मगर आज किसी गरीब की जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। जमीन पर अवैध कब्जे तथा अनेक अन्य आरोपों में करीब 27 महीने जेल में रहने के बाद हाल में जमानत पर छूटे आजम खान पर हमले जारी रखते हुए आदित्यनाथ ने कहा हमने तो भूमाफियाओं की ऐंठन को भी दूर कर दिया है, लेकिन लगता है कि रस्सी जल गई पर कुछ लोगों की ऐंठन अभी गई नहीं है। अब इसका पूरा इलाज किया जाएगा। रामपुर को फिर से अराजकता का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। कोरोना काल में प्रदेशवासियों के जीवन और जीविका की सुरक्षा के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कोरोनाकाल में जेल में बंद रहे आजम खां पर भी तंज कसा। बिना नाम लिए उन्होंने कहा हमने बिना भेदभाव सभी को फ्री टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका उपलब्ध कराया। यहां तक कि जो लोग जेल में थे, उनका भी इलाज कराया। मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा पहले मुख्यमंत्री आवास में पेशेवर दंगाई सम्मानित होते थे, आज साहिबजादों की स्मृति में बाल दिवस का आयोजन होता है। तब दुराचारियों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहते थे कि लड़के हैं गलती हो जाती है, आज किसी की हिम्मत नहीं कि कोई माता-बहनों पर बुरी नजर डाल सके।