राहुल गांधी के समर्थन में उतरे रामदेव, कहा- कड़ी मेहनत कर रहे हैं कांग्रेस अध्यक्ष
प्रेस विज्ञप्ति। योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा है कि उनकी सोनिया गांधी या राहुल गांधी के साथ कोई निजी द्वेष नहीं है लेकिन वर्तमान भारतीय राजनीति में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई दूसरा विकल्प नहीं दिखता।स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम ‘जय हिंद’ में योग गुरु ने कहा, ”मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद मोदी जी के साथ हैं। लंबे समय से कांग्रेस के लोग मेरे आशीर्वाद के लिए उत्सुक रहे हैं। मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है। एक साधू की कभी किसी से दुश्मनी नहीं होती। उनमें से कुछ लोग गुप्त रूप से आते हैं और मेरा आशीर्वाद लेते हैं।’
उन्होंने कहा, ”मेरा किसी के भी साथ निजी बैर नहीं था। क्या सोनिया गांधी जी ने मेरी भैंस खोली थी? सोनिया गांधी जी या राहुल गांधी जी के साथ मेरी निजी दुश्मनी नहीं है। 2013 में हमारा अभियान भ्रष्टाचार, कालाधन और भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ था।” योगगुरु ने कहा, ”हमारी यात्रा खत्म नहीं हुई है। हमने राजनीतिक आजादी हासिल की है, लेकिन अभी तक भाषाओं, हमारी संस्कृति, हमारी शैक्षणिक प्रणाली और चिकित्सा की आजादी हासिल नहीं हुई है। राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए जंग अभी भी चल रही है। मैं पिछले 40 सालों से बिना छुट्टी के काम कर रहा हूं। हम देश चलाने के लिए अच्छे लोग चाहते हैं, उस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता। वर्तमान में, आज के भारत में, न सिर्फ मैं, बल्कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि मोदी जी से बेहतर विकल्प नहीं हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या अब आप राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को अपने से ज्यादा नजदीक पाते हैं, उन्होंने जवाब दिया, राहुल जी ने पहले से थोड़ी ज्यादा मेहनत शुरू कर दी है। वह ऊर्जावान ढंग से काम कर रहे हैं। उन्होंने संसद में अच्छा भाषण दिया था लेकिन उन्होंने गलती कर दी। भारत और उसकी आत्मा को समझने के लिए जो सहजता चाहिए, जो परिवार में संस्कार चाहिए उसमें थोड़े और सुधार की जरुरत है। उन्होंने कहा, ”एक अच्छा भाषण देने के बाद वह मोदी जी को गले लगाने गए लेकिन जब वह अपनी सीट पर वापस आए तो गलती कर दी और आंख का खेल कर दिया। फिर भी, अपना भाषण तैयार करने और आंकड़ों को इकट्ठा करने में वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।”
यह पूछे जाने पर कि लोकसभा चुनाव में 8 महीने बचे हैं और वह राजनीतिक रूप से इतने सक्रिय क्यों नहीं हैं उन्होंने मजाक करते हुए कहा, ”दरअसल मैं हठयोग पर हूं।”
उन्होंने कहा, ”2013 में परिस्थितियां कुछ और थीं। राजनीतिक अविश्वास पराकाष्ठा पर था, लाखों-करोड़ों के घोटालों की खबरें थीं और देश में अफरा तफरी का माहौल था। बड़ा सवाल था कि 2014 में भारत जैसे महान देश का नेतृत्व कौन करेगा और उस समय हमने मोदीजी को समाधान के रूप में देखा इसलिए आरएसएस और बीजेपी से भी पहले देश के शीर्ष संतों की उपस्थिति में नरेंद्र मोदी जी का हमने खुले दिल से समर्थन किया। आज भी हमारी शुभकामनाएं और आशीर्वाद उनके साथ हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका अब भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ हॉटलाइन है, स्वामी रामदेव ने जवाब दिया, ”हां मेरा हॉटलाइन है। मैं यहां साफ कर दूं। चाहे मोदी जी हों, अमित शाह जी या जेटली जी या कोई और नेता, किसी के साथ संवादहीनता नहीं है। कोई भी ये आरोप नहीं लगा सकता कि पिछले साढ़े चार सालों में मैंने सरकार में किसी के लिए स्थानान्तरण या पोस्टिंग करवाई। मैंने अभी तक राहुल जी से बात नहीं की है। अमित शाह जी मेरे पास आए थे, मेरा आशीर्वाद मांगा था और मैंने उन्हें दिया। राहुल जी ने अभी तक मेरे पास नहीं आये। ”
योग गुरु ने गाय के कत्लखानों को चलाने वालों को हत्यारों, अपराधी और क्रूर के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, इन सबको भगवान सद्बुद्धि दें और सरकारों को इसके ऊपर कोई खास इंतजाम करना चाहिए।
रामदेव ने स्वदेशी पर जोर देते हुए कहा, चीनी वस्तुओं ने भारत में 50 लाख करोड़ रुपये के कुल घरेलू बाजार में 20 लाख करोड़ रुपये के बाजार पर कब्जा कर रखा है।
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