Spinal Cord Injury Day 2019: रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइनल कॉर्ड में अगर चोट लग जाती है तो इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव हाथों और पैरों पर पड़ता है। इसलिए इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 5 सितंबर को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे (Spinal Cord Injury Day) मनाया जाता है। स्पाइनल कार्ड नसों का एक ऐसा ग्रुप होता है जो दिमाग के हर संदेश को हर शरीर के एक-एक अंग तक पहुंचाता है। जानें इस खास मौके पर स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के कारण और बचाव के बारे में।
स्पाइनल कॉर्ड
रीढ़ की हड्डी के बिना शायद ही हमारा शरीर ठीक ढंग से काम करता हो। जिसके बिना चलना फिरना, उठना-बैठना सब कुछ बंद हो जाता है। इसलिए रीढ़ की हड्डी पर लगी चोट आपके लिए हानिकारक हो सकती है। रीढ़ की हड्डी का काम सिर्फ आपके शरीर को सपोर्ट देना ही नहीं होता है बल्कि यह शरीर और दिमाग के बीच संतुलन बनाने का भी काम करती है। यह संदेशों के आदान-प्रदान का एक माध्यम भी है।
स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने का कारण रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के मामले सबसे ज्यादा पुरुषों में ही देखे गए है। इसका कारण भी तक सामने नहीं आया है कि आखिर ऐसा क्यों है।
- रोड एक्सीडेंट
- गिर जाने से चोट लग जाना
- ऑर्थराइटिस
- टीबी, इंफेक्शन या ऑस्टियोपोरोसिस
- खेलते समय लगी चोट
- लड़ाई-झड़ने में लगा चोट
- ऐसे करें स्पाइनल कॉर्ड का बचाव
अगर आप चाहते है कि आप बिस्तर पर हमेशा के लिए न पड़ जाएं तो इस तरह अपने स्पाइनल कॉर्ड का बचाव कर सकते है।- हमेशा कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट लगाएं।
- दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहने।
- गाड़ी की गति पर कंट्रोल रखें।
- घरों को भूकंपरोधी बनवाएं।
- झगड़ों से कोसों दूर रहें।
- कभी भी कम पानी या गंदे पानी पर स्विमिंग न करें।