लखीमपुर केस में आशीष मिश्रा की जमानत पर हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
उत्तरप्रदेश के लखीमपुर कांड मामले (Lakhimpur Kheri violence Case) में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने मंत्री टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. फैसला अगले दो तीन दिन में आयेगा. मंत्री पुत्र की तरफ से गोपाल चतुर्वेदी और सरकार की तरफ से AAG विनोद शाही (Addl Advocate General PK Shahi) ने रखा पक्ष.कुछ दिन पहले लखीमपुर हिंसा मामले में SIT ने चार्जशीट फाइल की थी. 5000 पन्नों की इस चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भइया को मुख्य आरोपी बनाया गया है. आशीष मिश्रा समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है. पिछले साल 3 अक्टूबर को आशीष मिश्रा के समर्थकों और किसानों के बीच संघर्ष के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी. विवेचक ने आशीष मिश्रा समेत अन्य आरोपियों को हत्या का आरोपी बनाया है. चार्जशीट के मुताबिक, सोची समझी साजिश के तहत धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप और SUV से कुचला गया था.
आशीष के घटनास्थल पर मौजूद होने के दी गई गवाही
जांच में एसआईटी को 17 वैज्ञानिक साक्ष्य, सात भौतिक साक्ष्य और 24 वीडियो फोटो ऐसे मिले, जिससे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ी. इसके अलावा 208 लोगों ने गवाही दी. इसी आधार पर एसआईटी ने अपनी चार्जशीट लिखी है. गवाहों ने एसआईटी को बताया कि मंत्री का बेटा आशीष घटनास्थल पर मौजूद था. आशीष मिश्रा और उसके साथियों के खिलाफ किसानों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर हत्या, हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
SUV कार ने रौंदा था चार किसानों को
दरअसल एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर रमन कश्यप की लखीमपुर खीरी हिंसा में मौत हो गई थी. असल में कथित तौर पर बीजेपी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे ने चार किसानों को अपनी कार से रौंद दिया था और इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने कई वाहनों में आग लगा दी और चार लोगों को पीट पीट कर मार दिया. जिसमें रमन कश्यप भी शामिल थे. किसानों ने एक ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी पीट पीट कर हत्या कर दी थी. वहीं अभी इस मामले का कोर्ट में कार्यवाही चल रही है.