लद्दाख के हालात पर बोले वायुसेना प्रमुख- न युद्ध और न शांति की स्थिति
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जून से लगातार तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. इस माहौल में भी दोनों देशों में सैन्य स्तर पर बातचीत जारी है. इस बीच वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बड़ा बयान दिया है. भदौरिया ने कहा कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अभी न तो युद्ध और न शांति की स्थिति है. वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि हमारी उत्तरी सीमा पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज है. लेकिन भारतीय सेना हर परिस्थिति का डटकर सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा, ‘हमारे सुरक्षा बल किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं. पड़ोसी देश के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए हम पूरी तरह संकल्पित हैं.’
सैन्य (कोर कमांडर्स) स्तर पर छठी बार हुई बात
भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए छठी बार सोमवार को सैन्य (कोर कमांडर्स) स्तर पर बातचीत हुई. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत दोनों में फ्रंटलाइन पर ज्यादा सैनिक भेजे जाने को रोकने के लिए सहमति बनी है. इसके साथ ही दोनों पक्ष ग्राउंड पर मौजूदा स्थिति को बदलने पर एकपक्षीय फैसला नहीं लेने के लिए तैयार हुए हैं. दोनों देश इस बात के लिए भी राजी हो गए हैं कि आगे से ऐसा कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़े.
भारत ने कड़ा रुख अपनाया
भारत ने साफ कहा कि चीन को सभी विवादित पॉइंट से फौरन पीछे हटना चाहिए. इसके अलावा, पीछे हटने की शुरुआत चीन करे, क्योंकि विवाद की वजह चीनी सेना है. बैठक में कहा गया कि अगर चीन पूरी तरह से वापस जाने और पहले जैसी स्थिति बहाल नहीं करेगा, तो भारतीय सेना सर्दियों में भी सीमा पर डटी रहेगी.
चीन ने पैंगोंग सो के दक्षिणी इलाके को खाली करने को कहा
चीन ने कहा, ‘भारत को पैंगोंग सो के दक्षिणी इलाके की उन पोजिशन को खाली करना चाहिए, जिन पर 29 अगस्त के बाद कब्जा किया है.’ उधर, भारत ने भी अप्रैल-मई 2020 के पहले की स्थिति को बहाल करने पर जोर दिया.
सेना ने लद्दाख में सर्दियों के लिए कर लिया इंतजाम
बता दें कि भारतीय सेना (Indian Army) कई दशकों के अपने सबसे बड़े सैन्य भंडारण अभियान के तहत पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग चार महीनों की भीषण सर्दियों के मद्देनजर टैंक, भारी हथियार, गोला-बारूद, ईंधन के साथ ही खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगी हुई है. सूत्रों ने कहा कि खासी संख्या में टी -90 और टी -72 टैंक, तोपों, अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचाया गया है. इस अभियान के तहत सेना ने 16,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए बड़ी मात्रा में कपड़े, टेंट, खाद्य सामग्री, संचार उपकरण, ईंधन, हीटर और अन्य वस्तुओं की भी ढुलाई की है.