लद्दाख बस हादसे में सेना के 7 जवानों की मौत, राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
लद्दाख के तर्तुक सेक्टर में एक वाहन दुर्घटना में अब तक भारतीय सेना के 7 जवानों की जान चली गई। इस हादसे में कई जवानों को गंभीर चोटें भी आईं हैं। घायलों के लिए बेहतर से बेहतर इलाज के लिए प्रयास जारी हैं। जो जवान ज्यादा बुरी तरह घायल हुए हैं, उन्हें पश्चिमी कमान में स्थानांतरित करने के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई प्रयास जारी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 26 भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ी परतापुर स्थित एक ट्रांजिट कैंप से हनीफ सब सेक्टर में एक फॉरवर्ड लोकेशन पर जा रही थी, तभी उनका वाहन फिसलकर श्योक नदी में गिर गया। इस हादसे में अभी तक 7 जवानों की मौत की खबर है। घटना स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लद्दाख हादसे पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी दुख प्रकट किया। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “यह जानकर दुख हुआ कि लद्दाख में एक दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना ने हमारे कुछ बहादुर सैनिकों की जान ले ली है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
लद्दाख में हुए दुखद सड़क हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “लद्दाख में हुए बस हादसे से आहत हूं, जिसमें हमने अपने वीर सेना के जवानों को खो दिया है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि जो घायल हुए हैं वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। घायलों को हर संभव सहायता दी जा रही है।”
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि 26 जवानों का एक दल परतापुर के ट्रांजिट कैंप से सब सेक्टर हनीफ के एक फॉरवर्ड पोस्ट की ओर बढ़ रहा था। सुबह 9 बजे के आसपास थोइस से लगभग 25 किमी दूर, सेना का वाहन सड़क से फिसल गया और श्योक नदी में गिर गया। इस नदी की गहराई लगभग 50-60 फीट तक बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक सभी घायल जवानों को परतापुर के 403 फील्ड अस्पताल में पहुंचाया गया है और लेह से सर्जिकल टीमों को परतापुर भेजा गया है।सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक सात लोगों को मृत घोषित किया जा चुका है। अन्य लोगों को भी गंभीर चोटें आई हैं। अन्य घायल जवानों को बेहतर से बेहतर इलाज के प्रयास जारी हैं। हादसे में जो जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं, उन्हें पश्चिमी कमान में स्थानांतरित करने के लिए वायु सेना से एयरलिफ्ट करके ले जा रही है।