लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने ‘इंडिया@100’ को किया परिभाषित

नई दिल्लीः एक विकसित भारत की दिशा में 5 प्रतिज्ञाओं के साथ अगले 25 वर्षों के लिए रोडमैप तैयार करना, महिलाओं के सम्मान के लिए एक स्पष्ट आह्वान, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के लिए सार्वजनिक अस्वीकार्यता का आह्वान और आत्मनिर्भर भारत पर ध्यान केंद्रित करना, ये लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगभग 83 मिनट लंबे संबोधन के बड़े निष्कर्ष थे. जबकि इस स्वतंत्रता दिवस पर कोई नई सरकारी योजना या परियोजना की घोषणा नहीं की गई.

पीएम मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए ‘इंडिया@100’ को ध्यान में रखते हुए एक दूरदर्शी एजेंडा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया. पीएम मोदी ने कहा, “इस ‘अमृत काल’ में हमें एक साथ आना है और ‘विकसित भारत’ के बड़े लक्ष्य की दिशा में काम करना है.”

पीएम मोदी ने अपने भाषण में ‘नारी शक्ति’ का जिक्र महत्वपूर्ण तरीके से किया. महिला मतदाताओं पर भाजपा के स्पष्ट ध्यान और पिछले 8 वर्षों में उन पर केंद्रित मोदी सरकार की कई योजनाओं के साथ, पीएम मोदी ने कहा कि वह देश में महिलाओं के प्रति अनादर के भाव से बेहद दुखी हैं. उऩ्होंने कहा कि लैंगिक समानता बहुत जरूरी है. पीएम ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि बातचीत और आचरण में हम ऐसा कुछ भी न करें, जिससे महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचे.’

प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया और इसके प्रति लोगों में नफरत की भावना होने की अपील की. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि लोग उन लोगों के प्रति सहानुभूति क्यों रखते हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों के पास घर नहीं है, वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास अपनी लूट को जमा करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हम निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहे हैं. चाहे देश को लूटने वाला कितना भी बड़ा, ताकतवर या प्रभावशाली क्यों न हो, अब किसी को नहीं बख्शा जाएगा.’

इसे राजनीतिक रूप से कांग्रेस, राजद और तृणमूल कांग्रेस पर एक बड़े हमले के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पीएम ने भ्रष्टाचारियों की सार्वजनिक अस्वीकार्यता की मांग की. नेशनल हेराल्ड मामले में जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को भ्रष्टाचार के कई मामलों में दोषी ठहराया गया है और हाल ही में टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी के सहयोगियों से बड़ी नकदी जब्त की गई थी.

पीएम ने कहा कि भाई-भतीजावाद और परिवारवाद (वंशवाद) बड़ी समस्याएं हैं, जो राजनीति से जीवन के अन्य क्षेत्रों में फैल गई हैं, और प्रतिभा को नुकसान पहुंचा रही हैं. भाजपा वंशवाद की राजनीति पर हमला करती रही है, खासकर कांग्रेस में. प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सभी संस्थानों में भाई-भतीजावाद के खिलाफ लोगों से विरोध दर्ज कराने की मांग की और कहा कि वंशवाद की राजनीति को भी लोगों की भलाई के लिए खारिज किया जाना चाहिए. पीएम ने देश और उसकी उपलब्धियों पर गर्व करने, दूसरे देशों की मान्यता या विदेशी प्रमाणपत्रों की आवश्यकता को खारिज करने और भविष्य के रोडमैप के रूप में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया.

अगले 25 वर्षों के लिए 5 प्रतिज्ञाओं का जिक्र करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत को औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को मिटा देना चाहिए, अपनी जड़ों पर गर्व करना चाहिए, विकसित भारत एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए, देशवासियों के बीच एकता की आवश्यकता और कर्तव्यपरायणता की भावना होनी चाहिए. पीएम ने कहा कि भारत की विविधता इसकी ताकत है और भारत ‘लोकतंत्र की जननी’ है जो इसे 25 वर्षों में नई ऊंचाइयों को छूने की अंतर्निहित शक्ति देता है.

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