लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले BJP को बड़ा झटका, मणिपुर में NPF ने सरकार से समर्थन लिया वापस
इंफाल: मणिपुर में नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) ने राज्य में भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। एनपीएफ की मणिपुर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अवांगबौ न्यूमई ने रविवार को कहा कि ‘‘उन्हें समर्थन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बड़ी पार्टियां छोटे दलों को ‘कमतर’ मान रही थीं।’’उन्होंने कहा कि समर्थन वापसी का फैसला ले लिया गया है, लेकिन इसे 23 मई को पूरी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जाएगा।
2017 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के 29 विधायक थे लेकिन उसके आठ विधायक पिछले साल दल बदल कर भाजपा में शामिल हो गए जिससे उसके विधायकों की संख्या 29 से कम होकर 21 रह गई। न्यूमई ने दावा किया कि एनपीएफ को समर्थन वापस लेने के लिए ‘बाध्य’ होना पड़ा क्योंकि ‘‘भाजपा ने 2017 में गठबंधन सरकार बनने के दौरान हुए समझौतों में से कुछ का सम्मान नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने करीब दो साल सब्र किया।’’ उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टी छोटी पार्टी को ‘कमतर’ मानती है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने 2017 में गठबंधन सरकार बनने के बाद गठबंधन की भावना का कभी सम्मान नहीं किया। ऐसी घटनाएं हुई हैं जब उनके नेताओं ने हमारे सदस्यों को गठबंधन साझेदार मानने से ही इनकार कर दिया।’’ भाजपा ने एनपीएफ नेता द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया।
एनपीएफ प्रवक्ता ए किकोन ने कहा कि एनपीएफ के केंद्रीय नेताओं और मणिपुर के विधायकों का मानना है कि उनके फैसले से चुनाव प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए।