लोकसभा चुनाव 2019 में जीत का योगी फॉर्मूला, यूपी में OBC कोटे के अंदर कोटा

नई दिल्ली: हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को टारगेट करते हुए आरक्षण का सियासी दांव चला है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने OBC कोटे में से कोटा निकालकर माया, अखिलेश और कांग्रेस के लिए चुनौती मुश्किल कर दी है। कहते हैं कि प्रधानमंत्री की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुज़रता है इसलिए 2014 की तरह बीजेपी ने 2019 में भी जीत की उम्मीद यूपी से लगा रखी है। यूपी में जातिगत समीकरणों को साधने और महागठबंधन के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए यूपी सरकार ने पिछड़े वर्ग में आरक्षण का नया दांव खेला है।

योगी सरकार ने जस्टिस राघवेंद्र कुमार की अगुवाई में सामाजिक न्याय समिति बनाई थी जिसने अपनी रिपोर्ट में रिजर्वेशन में OBC के 27 परशेंट कोटे को तीन हिस्सों में बांटने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में ओबीसी कैटेगरी को पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग में बांटने की बात कही गई है। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग को 7 परसेंट, अति पिछड़ा वर्ग को 11 परसेंट और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 9 परसेंट आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। योगी आदित्यनाथ की सरकार का ये कदम अब यूपी में बड़ा सियासी इश्यू बन गया है। जस्टिस राघवेंद्र कुमार ने अपनी रिपोर्ट में यादव, कुर्मी, चौरसिया, हलवाई, सोनार, जाट, पटेल, कोइरी, कसेरा, ठठेरा, कलार, कलाल, हलवाई और ताम्रकार जातियों को सामाजिक लिहाज से मजबूत और संपन्न माना है। रिपोर्ट में इन जातियों को पिछड़ा वर्ग में रखा गया है और इन जातियों का कोटा सिर्फ 7 परसेंट तक सीमित करने की सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट में अति पिछड़ा वर्ग में गुर्जर, कुम्हार, लोहार, तेली, गिरी, गोंसाई, प्रजापति, जोगी, साहू, दर्जी, बढ़ई, विश्वकर्मा, मौर्य, मोमिन, मिरासी, जोरिया, गंधी, अर्राक, इदरीसी, गड़ेरिया जैसी जातियों को रखा गया है और इन जाति के लोगों को 11 परसेंट रिजर्वेशन देने की सिफारिश की गई है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग में मल्लाह, निषाद, घोसी, राजभर, कहार, कश्यप, केवट, कुरैशी, फकीर, बंजारा, मुकेरी, बिंद, अरख, अर्कवंशी, नट, गद्दी जैसी जातियों को रखा है और इन जातियों को 9 परसेंट आरक्षण देने की सलाह दी गई है।

कमेटी की ये रिपोर्ट अभी विधानसभा में पेश नहीं की गई है लेकिन इसका राजनीतिक असर दिखने लगा है। विपक्ष ही नहीं बल्कि एनडीए में बीजेपी के सहयोगियों ने भी इस बिल के खिलाफ आवाज़ उठाई है लेकिन बीजेपी नेता इसे लोगों की भलाई के लिए योगी सरकार का बड़ा और अहम कदम मान रहे हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा उनकी पार्टी का स्टैंड साफ है। आबादी के हिसाब से आरक्षण हो। देश में जातियों के आधार पर जनगणना हो और उसके बाद तब आरक्षण का फार्मूला तय किया जाना चाहिए। राघवेंद्र कमेटी के रिपोर्ट के मुताबिक 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का सबसे ज्यादा फायदा कुछ चुनिंदा संपन्न जातियां ही उठाती रही हैं। ऐसे में कोटे के भीतर कोटा तय होना चाहिए, क्योंकि ओबीसी की बाकी 70 फीसदी जातियां अब भी आरक्षण के फायदे से वंचित है।

योगी सरकार ने ओबीसी कोटे में कोटा निकाल कर एक तीर से दो निशाने लगाये हैं। सरकार को उम्मीद है कि अगर ये सिफारिशें लागू हो जाती हैं कि अति पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग बीजेपी को सपोर्ट करेगा और अगर विरोधियों ने योगी सरकार को ऐसा करने से रोका तो इसका खामियाज़ा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को उठाना होगा।

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427