वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर आया बड़ा फैसला, होगी वीडियोग्राफी, नहीं बदले जाएंगे कोर्ट कमिश्नर

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कोर्ट का फैसला आ गया। स्थानीय कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए 17 मई तक का समय दिया। वाराणसी कोर्ट ने 17 मई तक रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे। कोर्ट कमिश्नर के साथ दो वकील भी होंगे। अदालत ने साथ ही पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जबतक मस्जिद के कमिशन की कार्रवाई पूरी नहीं होती है तबतक सर्वे जारी रहेगा। कोर्ट ने इस कार्रवाई को सख्ती के साथ पूरी करने का आदेश दिया है।इससे पहले बुधवार को मामले पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर 3 दिन तक बहस चली। हिंदू पक्षकारों के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि मुस्लिम पक्ष लगातार कमीशन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है। कोर्ट में भी मुस्लिम पक्षकारों के वकील लगातार ऐसी बातें कह रहे थे जैसे लग रहा है कि वह कथावाचन कर रहे हैं। उनके पास न तो कोई सबूत है और न ही कोई तथ्य।काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों में दर्शन पूजन और सुरक्षा की मांग को लेकर इन दिनों विवाद गर्माया हुआ है। देवताओं की मूर्ति जिस स्थान पर स्थित है उसे साल भर में एक बार पूजा के लिए खोला जाता है। कोर्ट में पांच महिलाओं ने एक याचिका दायर करके कोर्ट से ऋंगार गौरी मंदिर में रोज पूजा करने की अनुमति दिए जाने की अपील की थी। वाराणसी के कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ परिसर में श्रृंगार गौरी मंदिर और दूसरे देवी-देवताओं के मंदिरों की स्थिति को लेकर सर्वे करने का निर्देश दिया था। साथ ही एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। लेकिन सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में हंगामा हो गया था। इसके बाद सर्वे नहीं हो पाया था।

विष्णुजी का फन काढ़े नाग और ब्रह्माजी का कमल

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने वाले विभाष दुबे ने बताया कि मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ प्राचीन घंटा और फूलों की लड़ियां दिखाई दी थी। विभाष दूबे ने कहा कि श्रृंगार गौरी के नीचे झांकने पर विष्णुजी का फन काढ़े नाग और ब्रह्माजी का कमल दिखा।

मुस्लिम पक्ष की आपत्ति

मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने बताया कि मस्जिद का ताला खुलवाकर अंदर की वीडियोग्राफी कराने सम्बन्धी याचिका पर अदालत में करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई। इस याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज करायी थी। इस पर बहस आज पूरी हो गयी है। उन्होंने कहा कि अदालत ने फैसला सुनाने का कोई समय निश्चित नहीं किया है। उम्मीद है कि फैसला दोपहर के भोजनावकाश के बाद ही सुनाया जाएगा।

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