शिंदे सरकार की सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा, 16 विधायकों के भविष्य को लेकर होगा फैसला
महाराष्ट्र की नवनिर्मित एकनाथ शिंदे सरकार की आज सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा है। इस परीक्षा में 16 विधायकों को लेकर सुनावी होगी और यह सुनवाई तय करेगी कि महाराष्ट्र में हाल ही में आया तूफान शांत रहेगा या समुंद्र में फिर कोई बवंडर आएगा। आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 16 बागी विधायकों के निलंबन के लिए दायर शिवसेना की याचिका पर सुनवाई होनी है। इसके साथ ही शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से दायर एक याचिका पर भी सुनवाई होनी है, जिसमें एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का निमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है। इसके साथ ही याचिका में स्पीकर के निर्वाचन और विश्वासमत की प्रक्रिया को भी गलत बताया गया है।
वहीं इन सबके बीच महाराष्ट्र विधानसभा के सचिवालय ने शिवसेना के 55 विधायकों में से 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन 53 विधायकों में से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के गुट में शमिल हैं और 14 विधायक उद्धव ठाकरे के गुट में शमिल हैं। हालांकि ठाकरे गुट के 14 विधायकों में से संतोष बांगर शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे गुट में शमिल हो गए थे, उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
दोनों गुटों ने जारी किए थे अलग-अलग व्हिप
वहीं इससे पहले दोनों गुटों ने 3-4 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और विश्वासमत के प्रस्ताव पर अलग-अलग व्हिप जारी किये थे। जिसके बाद दोनों गुटों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए दोनों पक्षों के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। शिंदे खेमे ने उन विधायकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया है, जिन्हें उन्होंने अयोग्य ठहराने की मांग की है। नोटिस महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य दल-बदल के नियमों के तहत जारी किए गए हैं। विधायकों को सात दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है।
क्या सांसद भी होंगे शिंदे गुट में शमिल ?
वहीं खबर आ रही है कि विधायकों के शिंदे गुट में शमिल होने के बाद अब सांसदों में भी फूट होने वाली है। इस बाबत पिछले दिनों दिल्ली में एक बैठक भी हुई थी। खबर है कि इस बैठक में बीजेपी से गठबंधन की बात कही गई है। और बारे में उद्धव ठाकरे को सूचित भी किया गया। लेकिन उद्धव गुट के एक सांसद संजय मांडलिक ने इससे इंकार किया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे एक सांसद बेटे और एक-दो और सांसदों के अलावा सभी सांसद पार्टी के साथ हैं और कोई फूट नहीं होने वाली है।