संजीव चतुर्वेदी ने केंद्र से मिला मुआवजा प्रधानमंत्री राहत कोष में दान किया
नयी दिल्ली। भारतीय वन सेवा के अधिकारी (आईएफएस) संजीव चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार से बतौर मुआवज़ा मिले 25,000 रुपये को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को दान कर दिए हैं। चतुर्वेदी की मूल्यांकन रिपोर्ट में विपरीत प्रविष्टियां करने के विवाद का निपटारा करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केंद्र को अधिकारी को मुआवजे के तौर पर यह राशि देने को कहा था। चतुर्वेदी ने इससे पहले मैग्सेसे पुरस्कार की राशि भी दान कर चुके हैं। इस साल जून में अवमानना का नोटिस जारी किये जाने के बाद अदालत के अगस्त 2018 के आदेश का अनुपालन करते हुए केंद्र ने अगस्त के पहले हफ्ते में चतुर्वेदी को मुआवजे का भुगतान किया।
प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान देने के बाद चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री कार्यालय से एक विशेष कोष बनाने का आग्रह किया है जो उन ईमानदार लोक सेवकों की मदद करे जिन्हें इस तरह की प्रतिशोधी कार्रवाई/उत्पीड़न का शिकार बनाया गया है। कम से कम यह उनके कानूनी लड़ाई का खर्च उठाए और उन्हें मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े कार्यालय की ओर से ऐसा कदम उठाने से अधिकारियों में सुरक्षा का भाव आएगा, अन्यथा अपने संबंधित कार्यस्थल पर, व्यक्तिगत जोखिम और खर्च पर लड़ाई लड़ना मुश्किल होगा। पत्र में अधिकारी ने संविधान सभा में सरदार पटेल की टिप्पणी का हवाला दिया है। पटेल ने कहा था, ‘‘ अगर आपके पास अच्छी अखिल भारतीय सेवा नहीं है जिन्हें अपनी बात रखने की आज़ादी हो तो आप के पास संयुक्त भारत नहीं होगा।’