संसद में विपक्ष होगा एकजुट; कैश क्रंच, CJI पर महाभियोग और जज लोया केस पर हो सकती है चर्चा
नई दिल्ली: मौजूदा राजनैतिक हालात पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार (20 अप्रैल) को विपक्षी पार्टियों की संसद में बैठक होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियों के नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के संसद स्थित चैंबर में मिलेंगे और विशेष सीबीआई न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर चर्चा करने की संभावना है. लोया मामले में फैसले के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने के लिये प्रस्ताव पेश करने के मुद्दे पर भी 20 अप्रैल चर्चा होने की संभावना है.
विपक्ष प्रधान न्यायाधीश को हटाने के लिये प्रस्ताव पेश करने के लिये व्यापक आम सहमति बनाने के लिये विभिन्न दलों को एक साथ लाने पर काम कर रहा है. जहां वाम दल, राकांपा और कांग्रेस सीजेआई को हटाने के लिये प्रस्ताव पेश करने पर सहमत हैं, वहीं इस बारे में याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ राजनैतिक दलों ने अपने कदम पीछे खींच लिये हैं. सूत्रों ने बताया कि आजाद द्वारा बुलाई गई बैठक में विपक्षी पार्टियां आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा को कैसे हराया जाए इसपर व्यापक आम सहमति बनाने के विचार पर भी चर्चा करेंगी.न्यायाधीश बीएच लोया की मौत पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा प्रमुख अमित शाह की गुरुवार (19 अप्रैल) को आलोचना करते हुए कहा कि उन जैसे लोगों को बेनकाब करने का सच का अपना तरीका होता है. न्यायाधीश लोय की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर शीर्ष न्यायालय में दायर की गई याचिकाओं के पीछे सत्तारूढ़ पार्टी ने राहुल का अदृश्य हाथ होने का आरोप लगाया है. राहुल ने ट्वीट किया, ‘’भारतीय बेहद समझदार होते हैं. भाजपा के लोग समेत अधिकतर भारतीय अमित शाह की सच्चाई जानते हैं. ऐसे लोगों को बेनकाब करने का सच का अपना तरीका होता है.’’
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने न्यायाधीश लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को गुरुवार (19 अप्रैल) खारिज कर दिया. वह सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें शाह कभी आरोपी थे और बाद में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया था.
भाजपा पर जज लोया की मौत पर राजनीति करने का आरोप
विपक्षी दल ने कहा कि यह बात दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा न्यायाधीश लोया की मौत पर भी सस्ती राजनीति कर रही है. भाजपा ने आरोप लगाया था कि जांच की मांग करने वाली याचिकाओं के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष का अदृश्य हाथ है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक दिन उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच के बाद न्यायाधीश लोया की मौत का सच जरूर सामने आएगा.’’ उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को अगर यह प्राकृतिक मृत्यु लगती है तो वे जांच से क्यों भाग रहे हैं.
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि वह न्यायाधीश लोया की मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच का आदेश देंगे.’’ उन्होंने दावा किया कि पर्याप्त सामग्री ऐसी है जो उच्चतम न्यायालय के समक्ष नहीं रखी गयी है और निष्पक्ष जांच के बाद ही वह सामने आ सकती है.
कांग्रेस ने उठाए 10 सवाल
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह भारत के इतिहास में बहुत दुखद दिन है. जिन संदिग्ध परिस्थितियों में लोया की मौत हुई , वह उन लोगों के लिए गहन चिंता का विषय है जिन्हें न्यायपालिका में भरोसा है. पूरे फैसले की प्रति अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है. लेकिन न्यायपालिका पर भरोसा करने वालों के सामने अब भी सवाल हैं.’’ उन्होंने मामले से जुड़े 10 सवाल उठाये और फैसले की निंदा करते हुए कहा कि जांच के माध्यम से ही आपराधिकता के मुद्दे पर फैसला आ सकता है.