संसद में सरकार के खिलाफ प्रखर आवाज का समर्थन, लेकिन चेयर की गरिमा होनी चाहिए: PM मोदी
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज आगाज हो रहा है और आज पहले ही दिन संसद में कृषि कानून वापसी बिल पेश होगा। संसद सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।
उन्होंने कहा, ”संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में आजादी के अमृत महोत्सव निमित रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए देश का सामान्य नागरिक भी कोई न कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है। ये अपने आप में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ संकेत है।”पीएम मोदी ने कहा, ”संविधान दिवस पर भी नए संकल्प के साथ संविधान की spirit को चरितार्थ करने के लिए हर किसी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है। देश भी चाहेगा कि भारत की संसद ये सत्र और आने वाले सभी सत्र, आजादी के दीवानों की भावनाओं के अनुकूल देशहित में चर्चाएं करें।” उन्होंने कहा, ”भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान दिया, कितना सकारात्मक काम हुआ, उस तराजू पर तोला जाए। न कि मापदंड ये होना चाहिए कि किसने कितना जोर लगाकर सत्र को रोका। सरकार हर विषय पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। हम ये भी चाहते हैं कि संसद में सवाल भी हों और शांति भी हो।”पीएम मोदी ने कहा, ”देश के 80 करोड़ नागरिकों को इस कोरोना काल के संकट में और अधिक तकलीफ ना हो इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से मुफ्त अनाज की योजना चल रही है। अब इस योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। करीब 2.60 लाख करोड़ रुपये की लागत से 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों के गरीब के चूल्हे की चिंता की गई है। मैं आशा करता हूं कि इस सत्र में देशहित के निर्णय हम तेजी से करें और मिलजुल कर करें।” उन्होंने कहा, ”पिछले सत्र के बाद कोरोना की विकट परिस्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से अधिक डोज कोरोना वैक्सीन दी, अब हम 150 करोड़ की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नए वेरिएंट की खबरें भी हमें और सजग करती हैं, मैं संसद के सभी साथियों को भी सतर्क रहने की पार्थना करता हूं और आप सबको भी सतर्क रहने की प्रार्थना करता हूं।”