‘समय की कसौटी पर खरी उतरी है भारत-रूस की दोस्ती’, ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (Eastern Economic Forum) को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने भारत-रूस (India-Russia) की दोस्ती के बारे में बात की और कहा कि दोनों देशों की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है. उन्होंने कहा, ”मुझे ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है और इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं. भारतीय इतिहास और सभ्यता में ‘संगम’ का एक विशेष अर्थ है. इसका अर्थ नदियों/लोगों/विचारों का संगम या एक साथ आना है.”
पीएम मोदी ने कहा कि ”भारत और रूस के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है. हाल ही में इसे कोरोना महामारी के दौरान हमारे मजबूत सहयोग में देखा गया. इसमें वैक्सीन एरिया भी शामिल है. महामारी ने हमारे द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और फार्मा क्षेत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला है.”
पीएम मोदी ने की रूस के राष्ट्रपति की तारीफ
उन्होंने कहा, ” मैं रूसी सुदूर पूर्व के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के दृष्टिकोण की सराहना करता हूं. इस विजन को साकार करने में भारत रूस का एक विश्वसनीय भागीदार होगा. 2019 में, जब मैं फोरम में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गया था, मैंने सुदूर पूर्व नीति को लागू करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा की थी.”
इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि आज मुझे खुशी है कि भारत के सबसे बड़े शिपयार्ड में से एक, मझगांव डॉक लिमिटेड दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ज़्वेज़्दा के साथ साझेदारी करेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस की एनर्जी पार्टनरशिप ग्लोबल एनर्जी मार्केट में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है. मेरे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप पुरी इस मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए व्लादिवोस्तोक में हैं.
इस दौरान उन्होंने 11 क्षेत्रों के राज्यपालों को भारत आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि, ”[मैं रूस के सुदूर पूर्व के 11 क्षेत्रों के राज्यपालों को जल्द से जल्द भारत आने का निमंत्रण देना चाहता हूं.”
क्या है ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम?
यह फोरम विश्व अर्थव्यवस्था के प्रमुख मुद्दों, क्षेत्रीय एकीकरण, औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ रूस और अन्य देशों के सामने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये एक मंच देता है. इस मंच के ज़रिए रूस और एशिया प्रशांत के देशों बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को विकसित करने को लेकर बातचीत का माध्यम तैयार हुआ है. इस फोरम का मुख्यालय व्लादिवोस्तोक में स्थित है और प्रत्येक साल रूस के इसी शहर में बैठक बुलाई जाती है. इसकी स्थापना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साल 2015 में की थी.