समुद्री सुरक्षा पर UNSC की हाई लेवल बहस की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘समुद्री सुरक्षा का विस्तार : अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मामला’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता करेंगे. विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. सुरक्षा परिषद में यह बहस ऐसे समय में हो रही है, जबकि भारतीय नौसेना अगस्त की शुरुआत में दो महीने से अधिक समय के लिए दक्षिण चीन सागर, पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण पूर्व एशिया जल क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों से युक्त एक नौसैनिक कार्य समूह तैनात कर रही है, जिसका उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में अपनी स्थिति को मजबूत करना है.
अपनी तैनाती के दौरान, पोत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की नौसेनाओं के साथ मालाबार अभ्यास के अगले संस्करण में भाग लेंगे. यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब क्वॉड या चतुर्भुज गठबंधन के सभी चार सदस्य देशों की नौसेनाएं विशाल नौसैनिक युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी. चीन मालाबार अभ्यास के उद्देश्य को संदेह की नजर से देखता है क्योंकि उसे लगता है कि युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है. दरअसल क्वॉड का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को रोकने के मकसद से किया गया है.हिंद-प्रशांत के अलावा दक्षिण चीन सागर में चीन लगातार अपनी दादागिरी दिखाता आ रहा है. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है, जो हाइड्रोकार्बन का एक बड़ा स्रोत है. हालांकि, वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई सहित कई आसियान सदस्य देश भी इस पर दावा करते हैं. वहीं, भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता पूरी तरह से प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र संधि के अनुरूप होनी चाहिए और इस पर बातचीत से उन देशों के वैध अधिकारों और हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए जो चर्चा में शामिल नहीं हैं.गौरतलब है कि भारत ने एक अगस्त को इस महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली है. भारत ने एक जनवरी को यूएनएससी के गैर स्थायी सदस्य के तौर पद दो साल का कार्यकाल शुरु किया. अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में भारत का यह सातवां कार्यकाल है. इससे पहले भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85 और 1991-92 में सदस्य रह चुका है.