सरकार की पहल! अगले वित्त वर्ष से सीधे विदेशों में शेयर सूचीबद्ध करेंगी भारतीय कंपनियां
नई दिल्ली। फुलर कैपिटल अकाउंट कन्वर्टिबिलिटी की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए सरकार का इरादा है कि भारतीय कंपनियों के लिए दरवाजे खुलें, ताकि वह सीधे विदेशों में अपने शेयरों को सूचीबद्ध करें और बड़े सामूहिक लाभ कोष का उपयोग करें। आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान कंपनी अधिनियम और फेमा नियमों के पारित होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तक प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने वाले आवश्यक नियमों को लागू किया जा सकता है।
वर्तमान में विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों पर भारतीय कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष लिस्टिंग की अनुमति नहीं है। इसी तरह विदेशी कंपनियों को भी भारतीय शेयर बाजारों में अपने इक्विटी शेयरों को सीधे सूचीबद्ध करने की अनुमति नहीं है।
भारतीय कंपनियों को डिपॉजिटरी रिसिप्ट्स (एडीआर और जीडीआर) के जरिए विदेशों में पूंजी जुटाने की अनुमति है। लेकिन यह मार्ग तेजी से अलोकप्रिय होने के साथ केंद्र और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कॉर्पोरेट के लिए पूंजी जुटाने और देश में विदेशी निवेशकों को अधिक मौके प्रदान करने के अन्य तरीके तलाश रही है।