सरकार ने कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक रोकने का प्रस्ताव दिया
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच बड़ी खबर आई है। 10वें दौर की वार्ता के बीच सरकार और किसानों के बीच बातचीत में सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर बड़ा बयान देते हुए उसे डेढ़ साल तक रोकने का प्रस्ताव दे दिया है। जबकि कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कल तक का समय मांगा है।
आप को बता दें कि इस मुद्दे पर अगली बैठक 22 जनवरी दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में आयोजित होगी। बैठक के बाद किसान संगठन के एक नेता ने कहा कि दोनों पक्षों की सहमति से एक निश्चित समय के लिए तीनों कृषि कानूनों को निलंबित करने और एक समिति के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करने का प्रस्ताव दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में किसान यूनियनों के निकाले जाने वाली ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा मामले में हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है, क्योंकि कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर निर्णय लेने का पहला अधिकार पुलिस का है। शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को मामले पर सुनवाई के लिए केंद्र सरकार के अनुरोध को भी ठुकरा दिया और आवेदन को लंबित रखा। इसके बाद केंद्र ने अपना आवेदन वापस ले लिया।मुख्य न्यायाधीश ने अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, आप एक्सक्यूटिव हैं, आपके पास पुलिस के माध्यम से भी कार्रवाई करने का अधिकार है.. केंद्र के पास कानून और व्यवस्था पर कार्रवाई करने की शक्तियां हैं, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
सोमवार को, शीर्ष अदालत ने कहा था कि ट्रैक्टर रैली पर निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली पुलिस का है, न कि अदालत का। केंद्र ने दिल्ली पुलिस के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था जिसमें ट्रैक्टर/ट्रॉली/वाहन मार्च या गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी अन्य तरीके से आयोजित रैली पर रोक लगाने की मांग की थी।
केंद्र ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के संज्ञान में आया है कि विरोध करने वाले व्यक्तियों/संगठनों के समूह ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर एक ट्रैक्टर/ट्रॉली/वाहन मार्च निकालने की योजना बनाई है। केंद्र ने कहा, गणतंत्र दिवस के काम में कोई भी व्यवधान या बाधा न केवल कानून और व्यवस्था के खिलाफ होगी, बल्कि राष्ट्र के लिए भी बहुत बड़ी शमिर्ंदगी होगी।