सस्ती नहीं महंगी होंगी चीजें, GST में टैक्स के साथ लगेगा सेस, सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली: GST के स्लैब पर जल्द ही 1 फीसदी सेस लगने वाला है. इससे आम आदमी की जरूरत के कई आइट्म्स महंगे हो जाएंगे. सरकार ने जीएसटी के तहत आने वाले इन आइट्म्स पर सेस लगाने को मंजूरी दे दी है. हालांकि, यह सेस सिर्फ एक स्लैब यानी 28 फीसदी वाले स्लैब पर लगेगा. इससे लग्जरी आइटम्स महंगे होंगे. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने लग्जरी आइटम्स पर एक फीसदी कृषि सेस लगाने को मंजूरी दी है. अब यह प्रस्ताव ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के जरिए जीएसटी काउंसिल के पास भेजा जाएगा. काउंसिल की मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा.
किन आइटम्स पर लगेगे सेस
मौजूदा टैक्स स्लैब के हिसाब से अभी लग्जरी आइटम्स पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है. इसमें एयरकंडिशनर, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, पेंट, सीमेंट, रंगीन टेलीविजन, परफ्यूम, डिश, वैक्यूम क्लीनर, टू व्हीलर, कार, एयरक्राफ्ट, पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू उत्पाद शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने यह फैसला किसानों के लिए खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाने के बाद किया है.
क्यों लगाया जाएगा सेस
किसानों के लिए एमएसपी बढ़ाने से सरकार के खजाने पर करीब 15,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. सरकार अगर इस बोझ को खुद वहन करेगी तो वित्तीय घाटा बढ़ सकता है. यही वजह है कि सरकार कृषि सेस लगाकर आम आदमी के जरिए यह भार वहन करेगी. वित्त मंत्रालय का तर्क है कि कृषि सेस लगने से आम आदमी पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक, लग्जरी आइटम्स पर सेस लगाकर सरकार दूसरे रास्ते से आम जनता को राहत दे सकती है.
बदला जा सकता है स्लैब
सरकार ने बढ़े जीएसटी कलेक्शन के बाद ही इशारा दिया था कि आम जनता को और राहत मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक, सरकार स्लैब में कुछ मामूली बदलाव करने पर विचार कर रही है. इसमें 28 फीसदी वाले स्लैब के कुछ आइटम्स को छोटे स्लैब यानी 18 फीसदी वाले स्लैब में शिफ्ट कर सकती है. इससे कुछ आइटम्स पर टैक्स घट जाएगा. जाहिर है टैक्स घटने से कई चीजें सस्ती होंगी. हालांकि, अभी तक वित्त मंत्रालय की तरफ से इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
क्या दिया था इशारा
जीएसटी के चलते टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जरूरी चीजों के दाम कम हुए हैं. जतना को भी कम टैक्स से बड़ी राहत मिली है. इस बीच जीएसटी ने इशारा दिया कि सरकार अब जीएसटी के टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है. स्लैब में बदलाव होने से इसकी दरें और कम हो सकती हैं. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि टैक्स कलेक्शन में इजाफा होने से अब सरकार स्लैब की दरों में कमी करके जनता को राहत दे सकती है. हालांकि, टैक्स स्लैब बढ़ाए जा सकते हैं.
किसानों को दी थी राहत
सरकार ने हाल में धान, दाल, मक्का जैसी खरीफ फसलों के लिए एमएसपी लागत का डेढ़ गुना करने का फैसला किया था. मिनिमम सपोर्ट प्राइस वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. सरकार ने धान की एमएसपी 200 रुपए बढ़ाकर 1750-1770 रुपये प्रति क्विंटल, मक्के की एमएसपी 1425 रुपए से बढ़ाकर 1700 रुपए प्रति क्विंटल, अरहर की एमएमसी 5450 रुपये से बढ़ाकर 5675 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द की एमएसपी 5400 रुपए से बढ़ाकर 5600 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है.