सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी, दो शूटर गिरफ्तार
पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की सनसनीखेज हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने शूटरों के एक मॉड्यूल हेड समेत दो मुख्य शूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं।
जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी वही शूटर हैं जिन्होंने मूसेवाला पर गोलियां चलाई थीं। बताया जा रहा है कि यह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए थे और इनका आपराधिक इतिहास है।
मूसेवाला हत्याकांड के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में कबूल किया था कि मूसेवाला को उसके गैंग ने ही मरवाया है। हालांकि, इसमें उसका कोई हाथ नहीं है। बिश्नोई ने यह भी कहा था कि उसे मूसेवाला हत्याकांड के बारे में टीवी देखकर ही पता चला था।
लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) इन दिनों पंजाब पुलिस की गिरफ्त में है। पंजाब पुलिस 14 जून को लॉरेंस को गिरफ्तार कर एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब ले गई थी। पंजाब पुलिस ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दलील दी थी कि इस मामले की जांच के दौरान पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता है और उससे हिरासत में पूछताछ जरूरी है। अब तक की पुलिस की जांच में सामने आया है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश के तार कनाडा से लेकर दिल्ली की तिहाड़ जेल तक जुड़े थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को शुरू से ही शक था सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश तिहाड़ जेल से जुड़ी हो सकती है। बीते दिनों दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि तिहाड़ जेल से एक फोन नंबर का पता चला है। कुछ दिन पहले एक अपराधी मोहम्मद शाहरुख को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से बात करने के लिए एक मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहा था। गोल्डी बराड़ ने ही मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है, जिसके बाद पुलिस को इस हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का भी हाथ होने का शक है, क्योंकि बराड़ जेल में बंद गैंगस्टर का करीबी साथी है।गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात लोगों द्वारा 29 मई को पंजाब के मानसा में अज्ञात हमलावरों द्वारा बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना पंजाब पुलिस द्वारा 424 अन्य लोगों के साथ उनकी सुरक्षा में कटौती के एक दिन बाद हुई। पुलिस को घटनास्थल से गोलियों के 30 खाली कारतूस बरामद हुए हैं। हमलावर कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े थे।