सीएम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को ED ने फिर जारी किया नोटिस

तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर से पूछताछ करने की तैयारी में है. सूत्रों का कहना है कि अभिषेक बनर्जी को ईडी ने फिर से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है. कथित कोयला घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में ईडी की ओर से अभिषेक बनर्जी से पहले भी पूछताछ की जा चुकी है. वहीं अब सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर से अभिषेक बनर्जी को नोटिस जारी किया गया है. 20 या 21 सितंबर को अभिषेक बनर्जी से पूछताछ हो सकती है.

पहले भी हुई थी पूछताछ
बता दें कि कुछ दिनों पहले ईडी ने अभिषेक बनर्जी से कोयल घोटाला मामले में 8 घंटे से ज्यादा देर तक दिल्ली में पूछताछ की थी. तब बनर्जी ने ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘निरंकुश शासन की हार होगी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी से पूरी ताकत से मुकाबला करेगी.’ उस दौरान अधिकारियों ने बताया कि मामले के जांच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बनर्जी का बयान दर्ज किया.

ऐसा समझा जाता है कि उनसे मामले के अन्य आरोपियों से संबंधों और दो कंपनियों के बारे में पूछा गया जो कथित तौर पर उनके परिवार से संबंधित हैं जिनमें कुछ कथित अवैध लेन-देन हुआ था. बता दें कि ईडी ने सीबीआई की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी पर गौर करने के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत संबंधित मामला दर्ज किया था. सीबीआई की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है.

वहीं पश्चिम बंगाल में स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ ​​लाला इस अवैध लेनदेन में प्रमुख आरोपी है. ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेनदेन से प्राप्त धन के लाभार्थी थे. उनकी पत्नी रुजिरा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन भेजकर एक सितंबर को पेश होने को कहा गया था. हालांकि रुजिरा ने मौजूदा कोरोना वायरस का हवाला देते हुए एजेंसी से उनसे कोलकाता में ही पूछताछ करने का अनुरोध किया.

दो लोग गिरफ्तार

ईडी ने इस मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उनमें से एक तृणमूल कांग्रेस युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा शामिल हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है. इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था. ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि हासिल की. इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये की हेराफेरी थी. निदेशालय ने मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था.

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