सीएसके ने कोलकाता को 27 रन से हराया, चौथी बार बना चैंपियन
फाफ डु प्लेसिस की आकर्षक अर्धशतकीय पारी और गेंदबाजो की शानदार वापसी के दम पर महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को 27 रन से हराकर चौथी बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खिताब जीता। चेन्नई ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए तीन विकेट पर 192 रन का मजबूत स्कोर बनाया। इसके जवाब में केकेआर अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया और नौ विकेट पर 165 रन ही बना सका।
डुप्लेसिस ने तीसरे ओवर में जीवनदान मिलने के बाद पारी की अंतिम गेंद पर आउट होने से पहले 59 गेंदों पर 86 रन बनाये जिसमें सात चौके और तीन छक्के शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका के इस अनुभवी बल्लेबाज ने इस बीच रुतुराज गायकवाड़ (27 गेंदों पर 32 रन) के साथ पहले विकेट के लिये 61 और रोबिन उथप्पा (15 गेंदों पर 31 रन, तीन छक्के) के साथ दूसरे विकेट के लिये 63 रन और मोईन अली (20 गेंदों पर नाबाद 37, दो चौके, तीन छक्के) के साथ तीसरे विकेट के लिये 68 की उपयोगी साझेदारियां की।
शुभमन गिल (43 गेंदों पर 51, छह चौके) और वेंकटेश अय्यर (32 गेंदों पर 50, पांच चौके, तीन छक्के) ने पहले विकेट के लिये 91 रन जोड़कर केकेआर को ठोस शुरुआत दिलायी लेकिन इसके बाद उसने 34 रन के अंदर आठ विकेट गंवा दिये। दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा निचले क्रम में शिवम मावी (20) और लॉकी फर्गुसन (नाबाद 18) ही दोहरे अंक में पहुंचे जिससे हार का अंतर ही कम हुआ।
चेन्नई को वापसी दिलाने में सभी गेंदबाजों – शार्दुल ठाकुर (38 रन देकर तीन), जोश हेजलवुड (29 रन देकर दो), रविंद्र जडेजा (37 रन देकर दो), ड्वेन ब्रावो (29 रन देकर एक) और दीपक चाहर (32 रन देकर एक) ने अहम भूमिका निभायी। चेन्नई ने इससे पहले 2010, 2011 और 2018 में खिताब जीते थे जबकि केकेआर 2012 और 2014 के अपने खिताब में इजाफा नहीं कर पाया। मुंबई इंडियन्स सर्वाधिक पांच बार चैंपियन बना है।
कप्तान के रूप में टी20 में अपना 300वां मैच खेल रहे धोनी ने चौथे खिताब से इसका जश्न मनाया। चेन्नई पिछले साल पहली बार प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाया था लेकिन इस बार उसने शानदार वापसी की। धोनी ने दूसरे ओवर में ही अय्यर का कैच छोड़ा और बल्लेबाज ने इसका फायदा उठाकर हेजलवुड पर छक्का जड़ दिया। इसके बाद उन्होंने चौकों की झड़ी लगायी और पावरप्ले तक केकेआर का स्कोर 55 रन तक पहुंचाया।
जडेजा का स्वागत उन्होंने लांग ऑन पर छक्का जमाकर किया और इसी गेंदबाज के अगले ओवर में छक्के के बाद एक रन लेकर 31 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। गिल इस बीच केवल अय्यर के सहयोगी बने रहे। भाग्य ने उनका भी साथ दिया और इसका फायदा उन्होंने जडेजा पर दो चौके जड़कर उठाया। इस बीच ड्वेन ब्रावो ने दो ओवरों में केवल आठ रन बने जिससे बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ा। जडेजा ने ठाकुर की गेंद पर अय्यर का शानदार कैच लिया जिसके बाद विकेटों का पतझड़ लग गया। ठाकुर ने इसी ओवर में नितीश राणा (शून्य) को पवेलियन भेजा जबकि हेजलवुड ने अगले ओवर में सुनील नारायण (दो) को आउट किया। जडेजा ने फिर से खूबसूरत कैच लपका।
गिल ने जडेजा पर चौका लगाकर 40 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया लेकिन गेंद और रनों के बीच अंतर बढ़ रहा था। गिल इसके तुरंत बाद चाहर की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। दिनेश कार्तिक (नौ) आते ही छक्का जड़ने के अलावा कोई कमाल नहीं दिखा पाये। जडेजा ने इसी ओवर में शाकिब अल हसन (शून्य) को भी पवेलियन भेजा।
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ विजयी छक्का लगाने वाले राहुल त्रिपाठी जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आये लेकिन सीमा रेखा पर कैच दे बैठे जबकि चाहर ने इयोन मोर्गन (चार) का सीमा रेखा पर कैच लेकर चेन्नई की जीत सुनिश्चित की। इससे पहले चेन्नई के बल्लेबाजों ने फर्गुसन को निशाने पर रखा जिन्होंने चार ओवरों में 56 रन लुटाये। नारायण (26 रन देकर दो) केकेआर के सबसे सफल गेंदबाज रहे। मावी ने 32 रन देकर एक विकेट लिया। पहले दो ओवरों में संभलकर खेलने के बाद गायकवाड़ ने शाकिब अल हसन पर चौका और फिर डीप मिडविकेट पर छक्का लगाया। उन्होंने जल्द ही केएल राहुल के 626 रन के रिकार्ड को पीछे छोड़कर इस आईपीएल में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
गायकवाड़ और डुप्लेसिस ने पावरप्ले के छह ओवरों में चेन्नई का स्कोर 50 रन तक पहुंचाया लेकिन इसके बाद नारायण ने अपने दूसरे ओवर में गायकवाड़ को लांग ऑफ पर कैच करा दिया। इसके बाद डुप्लेसिस और उथप्पा ने बखूबी जिम्मेदारी संभाली। इन दोनों ने शाकिब पर छक्के जड़े। फर्गुसन दूसरे स्पैल के लिये आये तो डुप्लेसिस ने उन पर दो चौके लगाने के बाद लांग ऑफ पर छक्का जड़कर 35 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया।
चेन्नई 11वें ओवर में तिहाई अंक में पहुंच गया। उथप्पा ने चक्रवर्ती पर छक्का लगाकर उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा और फिर नारायण की गेंद भी छह रन के लिये भेजी लेकिन इस गेंदबाज ने तुरंत ही उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। नये बल्लेबाज मोईन ने मावी पर दो छक्के लगाकर इस युवा तेज गेंदबाज की कड़ी परीक्षा ली जबकि डुप्लेसिस ने फर्गुसन पर आकर्षक छक्का लगाया। डुप्लेसिस (633 रन) के पास अपने साथी गायकवाड़ (635) को पीछे छोड़कर ओरेंज कैप हासिल करने का मौका था लेकिन मावी ने आखिरी ओवर में केवल सात रन दिये।