सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने दिया हिंदू मत के पक्ष में गुरु नानक, तुलसीदास का हवाला
अयोध्या/नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ के एक सदस्य ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी का सन् 1510-11 में भगवान राम के जन्मस्थान के दर्शन करने के लिए वहां जाना हिंदुओं के मत और विश्वास को बल देता है। जज ने माना कि हिंदुओं का मत महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण फैसला देते हुए शनिवार को अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि हिंदुओं को देकर भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया और मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए कहीं अन्य पांच एकड़ भूमि देने का आदेश सुनाया।