सुशांत केस: मीडिया ट्रायल पर हाईकोर्ट में बोली CBI- हमने केस की कोई जानकारी लीक नहीं की

मुंबई. एक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) को बताया कि उसने मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया में लीक नहीं की थी. मामले में मीडिया ट्रायल के बारे में जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अदालत ने टिप्पणी की कि मीडिया का ध्रुवीकरण हो गया है और यह उसे नियंत्रित करने का नहीं, बल्कि उसके काम में संतुलन कायम करने का सवाल है.

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जून में अभिनेता की आत्महत्या से संबंधित मामलों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय और नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो (NCB) ने भी कोई सूचना लीक नहीं की थी. उन्होंने कहा कि सभी तीनों एजेंसियों ने अदालत में हलफनामे दायर किए थे, जिनमें कहा गया था कि उन्होंने जांच-संबंधी किसी भी जानकारी को लीक नहीं किया है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा, ‘हम अपनी जिम्मेदारियों को जानते हैं और किसी भी एजेंसी द्वारा जानकारी लीक करने का कोई सवाल ही नहीं है.’ चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की एक पीठ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इन याचिकाओं में मीडिया को अभिनेता की मौत की जांच से संबंधित उनकी कवरेज को नियंत्रित करने के निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है.इससे पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि समाचार चैनल संवेदनशील जानकारी प्रसारित कर रहे हैं. इन याचिकाकर्ताओं में रिटायर पुलिस अधिकारियों का एक समूह भी शामिल है. याचिकाकर्ताओं ने पूछा था कि चैनलों को इस तरह की जानकारी कैसे मिल रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि जांच एजेंसियां उनकी स्रोत रही होंगी.मामले में पक्षकार बनाए गए केन्द्र सरकार, राष्ट्रीय प्रसारण मानक प्राधिकरण और समाचार चैनलों ने उच्च न्यायालय को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक स्व-नियामक तंत्र है. पीठ ने कहा, ‘मीडिया तब (अतीत में) तटस्थ था. मीडिया का अब अत्यधिक ध्रुवीकरण हो गया है…और यह उसे नियंत्रित करने का नहीं बल्कि उसके काम में संतुलन कायम करने का सवाल है. लोग भूल जाते हैं कि रेखाएं कहां खींचनी हैं. सीमाओं में रहकर ऐसा किया जाए.’ अदालत ने कहा, ‘आप सरकार की आलोचना करना चाहते हैं, करें. मुद्दा यह है कि किसी की मौत हो गई है और आरोप है कि आप हस्तक्षेप कर रहे हैं.’ सुनवाई अगले सप्ताह भी जारी रहेगी.

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