सोनभद्र के उम्भा गांव का आज दौरा करेंगी प्रियंका गांधी, नरसंहार पीड़ितों से करेंगी मुलाकात
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पिछले महीने हुए नरसंहार के पीड़ित परिवारों से दोबारा मिलेंगी लेकिन प्रियंका के इस दौरे से पहले सोनभद्र नरसंहार को लेकर खुद कांग्रेस घिरी हुई है। जांच में कांग्रेस के एक नेता का नाम सामने आया है। यही वजह है कि प्रियंका के पिछले दौरे की तरह ही इस दौरे को लेकर भी यूपी की सियासत गर्म है। भाजपा प्रियंका के इस दौरे को नाटक बता रही है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव पीड़ित परिवारों से मिलने के अलावा उम्भा में हो रहे विकास कार्यों के बारे में आदिवासी समुदाय के लोगों से बातचीत करेंगी। वह घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से आदिवासियों की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगी। प्रियंका ने पूर्व में भी उम्भा जाने का प्रयास किया था, जहां गोण्ड समुदाय के 10 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गयी थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था।
चंद्रमोहन ने कहा कि प्रियंका का सोनभद्र दौरा कांग्रेस की ओछी राजनीति का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सोनभद्र में जमीनों का विवाद वर्ष 1955 से शुरू हुआ, जब कांग्रेस सरकार के दौरान ग्राम समाज की जमीन को एक निजी सोसायटी को पट्टा कर दिया गया था। कांग्रेस सरकार के दौरान सोनभद्र ही नहीं, प्रदेश के कई इलाकों में जमीनों की संस्थागत लूट हुई है। इस मुद्दे से जनता का ध्यान बंटाने के लिए ही प्रियंका सोनभद्र में उम्भा गांव में हुई दुखद घटना के पीड़ितों से मिलने का नाटक कर रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस केवल लूट की राजनीति ही करना जानती है। कांग्रेस की इस लूट में सपा और बसपा भी बराबर के भागीदार हैं। वहीं जांच समिति ने पाया है कि 10 अक्टूबर, 1952 को आदर्श कृषि सहकारी समिति का गठन किया गया था जिसमें कांग्रेस के कई नेता शामिल थे। सोनभद्र के उम्भा में 727 बीघा जमीन पर समिति का कब्जा था। 1989 में सोसाइटी की जमीन को व्यक्तिगत नाम पर करने पर विवाद शुरू हुआ और 1990 के दौरान जमीन को बेचने की कोशिश की गई थी। 2019 में गलत तरीके से प्रधान के पक्ष में जमीन का फैसला किया गया और इस फैसले के खिलाफ उम्भा गांव के लोग कोर्ट चले गए।