सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों से की BJP के खिलाफ एकजुट होने की अपील
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 19 विपक्षी दलों के साथ आज बैठक की है। बैठक में ममता बनर्जी, शरद पवार, हेमंत सोरेन, महबूबा मुफ्ती, बदरुद्दीन अजमल, तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिनमौजूद हैं। विपक्ष की बैठक में मौजूदा राजनीतिक हलचल पर चर्चा हुई। विपक्ष की बैठक में समाजवादी पार्टी और बसपा शामिल नहीं हुई। बैठक को लेकर बोले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस ने निमंत्रण नहीं दिया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक में कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना होगा, गैर भाजपा राज्य सरकारों को परेशान किया जा रहा है. हमें साथ आना होगा और केंद्र सरकार का सामना करना होगा। यह एक चुनौती है, लेकिन एक साथ मिलकर हम इसे उठा सकते हैं और इसे उठाना चाहिए क्योंकि एक साथ मिलकर काम करने का कोई विकल्प नहीं है। हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से, एक समय आ गया है जब हमारे राष्ट्र के हितों की मांग है कि हम उनसे ऊपर उठें। अंतिम लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसके लिए हमें अपने देश को स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और हमारे संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करने वाली सरकार देने के उद्देश्य से व्यवस्थित रूप से योजना बनाना शुरू करना होगा। सोनिया गांधी ने कहा कि इनमें पेगासस कांड शामिल है जो प्रत्येक नागरिक को प्रभावित करता है, तीन किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करना- पिछले 9 महीनों से किसानों का आंदोलन, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और संघवाद और हमारे लोकतंत्र की संस्थाओं पर हमला शामिल है। सार्वजनिक महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और बहस करने के लिए सरकार की अड़ियल और अभिमानी अनिच्छा के कारण संसद का मानसून सत्र फिर से पूरी तरह से बर्बाद हो गया था।एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बैठक में कहा कि वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों को हल करने में विफल रही है। जो लोग लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं, जो हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए, यही मेरा आह्वान है। किसान कई महीनों से विरोध कर रहे हैं, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए यह एक दर्दनाक तस्वीर है। देश आर्थिक मंदी, कोविड महामारी, बेरोजगारी, सीमा विवाद, अल्पसंख्यक समुदायों के मुद्दे आदि जैसे कई मुद्दों का सामना कर रहा।