स्टार्ट अप का दायरा बहुत बड़ा, आज के स्टार्टअप, कल के मल्टीनेशनल्स-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश स्टार्टअप कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि आज देश में जितनी प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति है, उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। इसलिए देश एक नई युवा ऊर्जा के साथ विकास को गति दे रहा है। आज मध्य प्रदेश में स्टार्टअप पोर्टल का शुभारंभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में देश में 300-400 आस-पास स्टार्टअप हुआ करते थे। आज 8 वर्ष के छोटे से कालखंड में भारत में स्टार्टअप की दुनिया ही बदल चुकी है। आज हमारे देश में करीब 70 हजार स्टार्टअप्स हैं। आज भारत में दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप्स इकोसिस्टम है।मोदी ने कहा कि स्टार्ट अप का दायरा और विस्तार बहुत बड़ा है। स्टार्ट अप हमें कठिन चुनौतियों का सरल समाधान देते हैं। हम देख रहे हैं कि आज के स्टार्ट अप, कल के मल्टी नेशनल्स बन रहे हैं। आज कृषि, रिटेल बिजनेस, स्वास्थ्य क्षेत्र में नए-नए स्टार्ट अप उभरकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया को भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए सुनते होते हैं तो हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है। 8 साल पहले तक स्टार्टअप शब्द कुछ गलियारों में ही चर्चा का हिस्सा था वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरे करने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में नया करने की, नए आइडिया से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है। लेकिन दुर्भाग्य से जितना प्रोत्साहन, जितना समर्थन पहले के दौर में हमारे युवाओं को मिलना चाहिए था, उतना मिला नहीं।प्रधानमंत्री ने कहा कि आवश्यकता इस बात की थी कि आईटी रिवोल्यूशन से बने माहौल को चैनलाइज किया जाता, एक दिशा दी जाती, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। हमने देखा कि एक पूरा दशक घोटालों में, पॉलिसी पैरालिसिस में इस देश की एक पीढ़ी के सपनों को तबाह कर गया। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप के लिए फंडिग भी बहुत अहम है, इसमें उन्हें सरकार की ठोस नीतियों की वजह से मदद मिली। सरकार की तरफ से fund of funds तो बनाया है, स्टार्ट अप को प्राइवेट सेक्टर से जोड़ने के लिए अलग-अलग प्लेट फॉर्म तैयार किए गए। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम हर महीने एक बार ‘रोजगार दिवस’ मनाते हैं। हमारे पास एक बुनियादी ढांचा और निवेशक-अनुकूल नीति है। हम चावल मिलों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई नीति ला रहे हैं।