स्टेडियम को जेल नहीं बनाकर किसान आंदोलन में मदद की, मैं किसानों का सेवादार: अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार सुबह सिंघू बॉर्डर पहुंचकर आम आदमी पार्टी की तरफ से 8 दिसंबर के भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की और साथ में कहा कि जब दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के 9 स्टेडियमों को अस्थाई जेल बनाने की मांग की थी तो उन्होंने उस मांग को नकार दिया था और ऐसा करके उन्होंने किसान आंदोलन में मदद की है। सिंघू बॉर्डर पहुंचकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे आंदोलन कर रहे किसानों के लिए की गई व्यवस्था का जायजा लेने के लिए आए हैं और वे एक सेवादार की तरह किसानों की सेवा में लगे हुए हैं।
सिंघू बॉर्डर पहुंचकर अरविंद केजरीवाल ने कहा, “किसानों का संघर्ष बिलकुल जायज है, मेरी सरकार और पार्टी किसानों के इस संघर्ष में साथ रहे हैं, शुरू शुरू में जब किसान बॉर्डर पर आए थे तो केंद्र सरकार ने और दिल्ली पुलिस ने हमसे दिल्ली के 9 स्टेडियम बनाने की मांग की थी। उस समय मेरे ऊपर बहुत दबाव डाला गया चारों तरफ से फोन आए, उनका पूरा प्लान था कि किसानों को दिल्ली आने देंगे और उनको पकड़कर स्टेडियम में डाल देंगे.लेकिन हमने उनकी बात नहीं सुनी और मेरा मानना है कि इससे आंदोलन में मदद मिली।”
किसानों के भारत बंद का समर्थन करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, ” हम लोग एक सेवादार की तरह किसानों की सेवा में लगे हैं, आज भी मैं एक मुख्यमंत्री के तौर पर नही बल्कि सेवादार के तौर पर आया हूं, आज किसान मुसीबत में है, और हम सब देशवासियों का फर्ज है कि किसानों के साथ खड़े और उनका साथ दें, मैं सारी सुविधायों का जायजा लेने के लिए आया हूं, सारी व्यवस्थाएं देखी, किसान इंतजाम से संतुष्ट हैं, मैं लगातार संपर्क में हूं हमारे जरनैल सिंह कल रात को किसानों के समर्थन में यहीं सोए हैं, हमारे सारे वॉलंटियर्स, कार्यकर्ता और अधिकारी सेवा में लगे हैं और उम्मीद है कि इसका जल्द से जल्द हल निकले, किसानों से 8 दिसंबर को जो भारत बंद का आहवान किया है उसका आम आदमी पार्टी उसका समर्थन करती है।”
नए कृषि कानून के विरोध में सोमवार को किसानों का आंदोलन 12वें दिन में पहुंच गया है और किसानों ने 8 दिसंबर को देशभर में भारत बंद का आहवान किया है जिसमें अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के अलावा कांग्रेस और वाम दलों ने भी समर्थन किया है। हालांकि भारतीय किसान संघ ने इस बंद को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है।