हम अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में, कांग्रेस से समझौता तभी जब सम्मानजनक सीटें मिलेंगी: मायावती
नई दिल्ली: कांग्रेस की विपक्षी एकजुटता और महागठबंधन की कोशिशों के बीच इसी साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने जा रहे चुनावों के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इन राज्यों में कांग्रेस के साथ तालमेल उसी दशा में हो सकता है जब हमको गठबंधन के तहत सम्माजनक सीटें मिलेंगी. ऐसा नहीं होने पर हम अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
मायावती का बयान ऐसे वक्त आया है जब विधानसभा चुनावों में दलित वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए कांग्रेस, बसपा के साथ तालमेल की संभावनाओं को टटोल रही है. इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन तीनों प्रदेशों के पार्टी नेताओं के साथ पिछले दिनों दिल्ली में विचार-विमर्श भी किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक के दौरान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ यूनिट के पार्टी नेताओं ने बीजेपी को हराने के लिए बीएसपी के साथ गठबंधन की पुरजोर वकालत की थी लेकिन राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं ने इसका विरोध किया.
राजस्थान के पार्टी नेताओं ने कहा कि सूबे में बसपा का प्रभाव केवल कुछ ही क्षेत्रों में सीमित है. दूसरी तरफ वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रचंड सत्ता-विरोधी लहर है. ऐसे में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के साथ गठबंधन का कोई फायदा नहीं है क्योंकि दीर्घकालिक अवधि में कांग्रेस का इससे नुकसान ही होगा. लिहाजा राजस्थान में कांग्रेस को अपने बूते चुनाव मैदान में उतरना चाहिए. इस लिहाज से यदि देखा जाए तो कांग्रेस राज्य विशेष को ध्यान में रखते हुए सहयोगी बनाने की इच्छुक है.
तालमेल पर पेंच
इसके विपरीत बसपा तीनों चुनावी राज्यों में कांग्रेस के साथ तालमेल करना चाहती है और ऐसा नहीं होने की स्थिति में अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतर सकती है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में इस मुद्दे पर मंथन चल रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीएसपी के प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस राजस्थान में कुछ सीटें गठबंधन के नाम पर बीएसपी के लिए छोड़ सकती है.
राहुल गांधी ने नहीं खोले पत्ते
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलग-अलग राज्यों में बसपा के साथ तालमेल के मुद्दे पर भिन्न राय उत्पन्न होने पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन तीन राज्यों के नेताओं से कहा है कि वे इस संदर्भ में अगले कुछ दिनों के भीतर ‘जमीनी ब्यौरा’ सौंपें. उन्होंने फिलहाल बसपा से तालमेल के मुद्दे पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से कहा है कि जमीनी ब्यौरा हासिल करें, बसपा की क्या स्थिति है और सीटों के तालमेल में सही सूरत क्या होगी.’