हिंदी सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से किया गया सम्मानित
नई दिल्ली: बॉलीवुड के शहंशाह और मेगास्टार अमिताभ बच्चन को हिंदी सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में खिताब प्रदान किया। बता दें कि तबीयत खराब होने के कारण बिग बी 23 दिसंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुए राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह 2019 में शामिल नहीं हो पाए थे।अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने के दौरान उनकी पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन भी मौजूद रहे।
बिग बी ने अनगिनत फिल्मों में किया काम
अमिताभ बच्चन ने ‘जंजीर’, ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘शहंशाह’, ‘कुली’, ‘मर्द’, ‘सूर्यवंशम’, ‘अमर अकबर और एंथनी’ ‘डॉन’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘अजूबा’, ‘सिलसिला’, ‘अग्निपथ’, ‘कालिया’, ‘नमक हलाल’ ‘बागबान’ और ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘पिंक’, ‘पा’ समेत कई सारी फिल्मों में काम किया है। उनकी अदाकारी के लोग आज भी कायल हैं। उनके पुराने डायलॉग्स और गानें आज भी सुपरहिट हैं।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला पुरस्कार है, जो किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। इसकी शुरुआत दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दी-वर्ष 1969 से हुई थी। पहली बार ये सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया था। इसके बाद से अब तक यह पुरस्कार ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ के लिए आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण कमल, एक शॉल और 10 लाख रुपये नकद प्रदान किए जाते हैं।