149 वर्षों बाद पड़ रहा ऐसा चंद्रग्रहण, 3 बजे ही हो जाएगी सभी धार्मिक स्थलों पर आरती
नई दिल्ली। तारीख 16 जुलाई की मध्य रात्रि में चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूरे भारतवर्ष में देखने को मिलेगा। यह इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण है। इसका प्रभाव कुछ राशियों को सुखद परिणाम देगा तो कुछ के लिए यह अशुभ रहने वाला होगा। 149 वर्षों के बाद ऐसा हो आ रहा है जब चंद्रग्रहण माघ पूर्णिमा के अवसर पर लग रहा। आज यानी 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा और व्रत पूर्णिमा है जब चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसलिए यह चंद्रग्रहण काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। ग्रहण 16 जुलाई को मध्य रात्रि के बाद यानि 17 जुलाई को 1 बजकर 33 मिनट में शुरू होगा जो मोक्ष अपराह्न (सुबह) 4:30 बजे तक रहेगा। ऐसे में ग्रहण 2 घंटे और 59 मिनट तक रहने वाला है और सूतक 9 घण्टे पहले ही लग जाएगा। यानि की आज दिन में 4:30 बजे से सूतक लग जाएगा। सूतक के दौरान सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे।सूतक लगने से कुछ वक्त पहले ही मंदिर के पट या कहें द्वार बंद कर दिए जाते हैं और इस समय देवी-देवताओं के दर्शन नहीं करने दिए जाते। लेकिन सूतक समाप्त होने के बाद 17 जुलाई को आप सब भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
बंद होंगे चारों धाम के पट
पैराणिक कथाओं एवं धार्मिक ग्रंथों की मानें तो सूतक के समय को अशुभ माना जाता है और जैसे ही सूतक समाप्त होता है उसके पश्चात धर्मस्थलों को पवित्र किया जाता है। इसी वजह से चंद्रग्रहण के समय चारों धाम के पट बंद रहेंगे। बद्री-केदारनाथ के एक धार्मिक गुरू ने बताया कि सूतक से पहले अपराह्न 3:15 मिनट पर मंगल आरती होगी। 3:45 बजे भोग और शयन आरती होगी और सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे। हालांकि 17 जुलाई को सुबह 4:40 बजे बद्रीनाथ धाम की घंटी बजेगी और सुबह 6 बजे अभिषेक के साथ ही विधिवत पूजा शुरू की जाएगी।
गंगा आरती का बदला गया समय
सूतक लगते ही सभी तरह की पूजा-अर्चना बंद हो जाती है क्योंकि इस समय के मुहूर्त को अशुभ माना जाता है। इसीलिए घाट पर होने वाली मां गंगा की आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मां गंगा की आरती दोपहर तीन बजे से शुरू होगी जो शाम 4 बजे तक पूरी हो जाएगी।