25 जुलाई को है नाग पंचमी? जानिए इस दिन क्यों पिलाते हैं सांपों को दूध

साल 2020 में नागपंचमी (Nag Panchami) 25 जुलाई को शुक्ल पंचमी के दिन रवियोग मे मनाई जाएगी. नाग पंचमी के दिन रवि योग में नागदेव की पूजा करने से लोगों को कर्ज से मुक्ति और स्वास्थ लाभ मिलता है. इसके साथ ही कामों में दोष दूर हो जाते हैं. इस बार सावन की शुक्ल पंचमी शनिवार को पड़ रही है. इस दिन चंद्रमा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से पूरे समय रहेगा. चंद्रमा की इस स्थिति के चलते रवि योग का निर्माण हो रहा है. जिन लोगों की कुंडली में राहु- केतु बैठा हो उनको नागपंचमी के दिन रवि योग में पूजा करनी चाहिए. इससे कई तरह के कष्ट दूर हो जाएंगे.जिन लोगों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष हो उनको काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नागदेवता की पूजा करनी चाहिए.

दूध पिलाने से सांप होते हैं प्रसन्न, लक्ष्मी का घर में होता है वाश
नागपंचमी के दिन नागदेवताको दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं. हिन्दू धर्म कथाओं मेंइस बात का उल्लेख है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने और उन्हें दूध पिलाने से घर में धन लक्षमी आती है. नाग पंचमी के दिन ऐसा करने वाले लोगों पर मां लक्ष्मी और नाग देवता दोनों प्रसन्न रहते हैं.

सर्पदंश का भय होता है दूर

नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्पदंश का भय नहीं रहता. सांपों की पूजा का दूसरा तर्क यह भी है कि भारत कृषि प्रधान देश है. यहां सांप चूहों से किसानों के खेतों की रक्षा करता है. सांपों के इसी महत्व के कारण लोग इनकी पूजा करते हैं. हमारे देश में जैसे कि नदियों और पेड़ों की पूजा करने की परंपरा है, वैसे ही सापों की भी पूजा जाता है.

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है
हिंदू कथाओं में सनातन धर्म में सांपों और भगवान का गहरा नाता बताया गया है. भगवान शिव के गले की नाग देवता शोभा बढ़ाते हैं. भगवान विष्णु की शेषशैया भी नाग देवता की है. सावन मास के देवता भगवान शिव माने जाते हैं. इस समय वर्षा के कारण बिलों में रहने वाले सांप भी बाहर निकलकर आते हैं जो बाहर निकलने पर किसी का अहित नहीं करें, इसलिए नाग पंचमी का पर्व मनाकर सांपों की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है.

ज्योतिष में इसलिए खास है पूजन
धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ ही ज्योतिष में भी नागपंचमी का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में योगों के साथ दोषों को भी देखा जाता है. इसमें कालसर्प दोष बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. कालसर्प दोष के साथ ग्रहण दोष, श्राप दोष, राहु, केतु की पीड़ा के लिए भी ज्योतिषाचार्य हमेशा नाग पंचमी पर नागदेवता की पूजा के साथ दान दक्षिणा का सर्वाधिक महत्व मानते हैं.

नागपंचनी के दिन करें ये उपाय 
1. नागपंचमी के दिन शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत, पुताई करवाएं.
2. इस दिन सपेरे से नाग-नागिन का जोड़ा खरीदकर जंगल में मुक्त करें.
3. नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते समय उन्हें चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं.
4. नव नाग स्तोत्र का 108 बार पाठ करें. अपने वजन के बराबर कोयला पानी में बहाएं.
5. नाग पंचमी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दूध रखें, बहते हुए जल में 11 नारियल प्रवाहित करें.
6. नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष कम किया जा सकता है.

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