3 राज्यों में हार पर अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, कहा 2019 पर असर नहीं
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष के ‘महागठबंधन’ को बुधवार को कमतर आंकते हुए उसे एक भ्रम बताया और भरोसा जताया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद भाजपा सत्ता में बरकरार रहेगी। यहां रिपब्लिक समिट में शाह ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि शिवसेना अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा का साथ देगी। उन्होंने कहा कि उनके साथ बातचीत जारी है।
शाह ने कहा, “विपक्ष के ‘महागठबंधन’ की वास्तविकता अलग है। इसका कोई अस्तित्व नहीं है और यह एक ‘भ्रान्ति’ है।” भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “महागठबंधन का कहीं अस्तित्व नहीं है। हम 2014 में इन सभी के खिलाफ लड़े थे और सरकार बनाने के लिए इन्हें हराया था। वे सभी क्षेत्रीय नेता हैं, वे एक-दूसरे की मदद नहीं कर सकते।”
शाह ने कहा कि 2019 में भाजपा को पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर और ओडिशा में फायदा होगा। उन्होंने कहा, “चुनाव के मुद्दे हैं : पांच साल में हमने राष्ट्रीय सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की और भ्रष्टाचार को कैसे हराया। हमने आठ करोड़ घरों में शौचालय बनाए और 2.5 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाई।” भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “केवल भाजपा के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए जरूरी है कि एक मजबूत सरकार सत्ता में आए।”
उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम निश्चित तौर पर भाजपा के पक्ष में नहीं रहे, लेकिन उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखना सही नहीं है। शाह ने कहा कि विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव परिणाम से नहीं जोड़ा जा सकता क्योंकि दोनों चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़े जाते हैं।
उन्होंने कहा, “यह हमारा काम है कि हम लोगों के लिए काम करें और उन्हें राजी करें लेकिन अगर जनादेश हमारे खिलाफ है तो हम उसे भी स्वीकार करते हैं।” उन्होंने कहा, “मैं विश्लेषण के खिलाफ नहीं हूं लेकिन चुनाव विभिन्न मुद्दों पर लड़े जाते हैं। जमीनी स्तर पर मुद्दे अलग-अलग होते हैं।” भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘2014 में भाजपा की छह राज्यों में सरकार थी और अब हमारी सरकार 16 राज्यों में है। तो अब बताइये कि 2019 के चुनाव कौन जीतेगा।”
उन्होंने कहा, “हम जनादेश (राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में) स्वीकार करते हैं। हम चुनाव परिणामों पर आत्ममंथन करेंगे।” शाह ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि 2019 के चुनावों में नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार खड़ा किया जाता है। उन्होंने कहा, “हम अपनी ताकत के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं न कि दूसरों की कमजोरी के आधार पर।”