जम्मू। भाजपा ने कहा कि जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के एकतरफा संघर्ष विराम की मांग राष्ट्र हित में नहीं है। साथ ही, उसने पथराव करने वालों पर राज्य सरकार की नरम नीति की भी आलोचना की। इस तरह, राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में आज मतभेद सामने आया। भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता सुनिल सेठी और अरुण गुप्ता ने यहां संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस एकतरफा संघर्ष विराम का सुझाव दिया है वह सिर्फ आतंकवादियों पर दबाव कम करेगा और उनमें (आतंकियों में) नया जोश भरने का काम करेगा।  इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा कि उन्हें इस मामले की कोई सीधी जानकारी नही है और वह दिल्ली जाकर इस मामले को देखेंगे। लखनऊ में सीमा सुरक्षा बल के एक कार्यक्रम में गृह मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी प्रत्यक्ष रूप से उनसे कोई बात नहीं हुई है, लेकिन ऐसी उन्हें जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, ‘अब दिल्ली जा रहा हूं बैठकर इस मुददे पर बात करूंगा।’

जम्मू में कल हुए एक सर्वदलीय बैठक का हवाला देते हुए सेठी ने कहा कि एकतरफा संघर्षविराम के लिए चर्चा के दौरान एक विचार आया था लेकिन कोई आमराय नहीं बनी। यह विचार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की घोषणा की तर्ज पर था। सेठी ने कहा, ‘हमारा एक सख्त विचार है…मौजूदा परिस्थिति में एकतरफा संघर्ष विराम राष्ट्रीय हित में नहीं है।’ वह सर्वदलीय बैठक में मौजूद थे।
भाजपा प्रवक्ता ने कश्मीर घाटी में हालात को बहुत गंभीर बताया और कहा कि महबूबा मुफ्ती सरकार की नरम नीति इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा हालात बहुत गंभीर हैं…कश्मीर में पथराव जारी है और दुर्भाग्य से एक पर्यटक की जान चली गई है।’ गौरतलब है कि कल महबूबा ने घोषणा की थी कि राज्य में हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में केंद्र से एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा करने का अनुरोध किया जाएगा। हालांकि, पार्टी का रूख स्पष्ट करने वाला भाजपा का कल कोई बयान नहीं आया था।
 वहीं, संवाददाता सम्मेलन में सेठी ने कहा कि घाटी में हालात को काबू करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। भाजपा नेता ने कहा कि हमारा विचार स्पष्ट है कि सरकार की नरम नीति मौजूदा हालात के उभरने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार पथराव करने वालों को जिस तरह से आममाफी दे कर समस्या को निपटा रही है वह कहीं अधिक नुकसान पहुंचा रहा है।
 संघर्ष विराम के मुद्दे पर भाजपा नेताओं ने कहा कि रोजाना बड़े पैमाने पर आतंकी हताहत हो रहे हैं और वे लोग दबाव में हैं। एक एकतरफा संघर्ष विराम की मांग करने का लक्ष्य आतंकियों पर दबाव कम करना और उन्हें बचाने का है। महबूबा ने कहा था कि केंद्र को मध्य मई में शुरू हो रहे रमजान से लेकर अगस्त में अमरनाथ यात्रा पूरी होने तक एक एकतरफा संघर्षविराम पर विचार करना चाहिए।
 भाजपा के दोनों प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा इस पर राजी नहीं होगी। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास भेजने और राज्य के हालात की उन्हें जानकारी देने के लिए कोई आमराय बनी है। उन्होंने कहा कि नेकां ने कहा है कि वह इस पर कोई फैसला करने के लिए बाद में अपने नेतृत्व के साथ विचार विमर्श करेगी।

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