43 साल के रोहन बोपन्ना ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
शनिवार 27 जनवरी को मेलबर्न पार्क में हुए फाइनल में बोपन्ना और उनके ऑस्ट्रेलियन पार्टनर मैथ्यू एब्डेन ने इटली के सिमोन बोलैली और आंद्रे वावासोरी की जोड़ी को 7-6, 7-5 से हराते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. इसके साथ ही बोपन्ना ने अपने करियर में पहली बार मेंस डबल्स ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिया. इतना ही नहीं, 43 साल की उम्र में ये खिताब जीतकर उन्होंने रिकॉर्ड कायम कर दिया. वो ग्रैंड स्लैम में मेंस इवेंट का कोई भी खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए.
पिछले साल यूएस ओपन के फाइनल में बोपन्ना और एब्डेन को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन नए साल के पहले ग्रैंड स्लैम में ही इस जोड़ी ने खिताब जीतकर शानदार शुरुआत की. 2003 में अपना प्रोफेशनल करियर शुरू करने वाले बोपन्ना को लंबे समय से मेंस डबल्स में ग्रैंड स्लैम खिताब का इंतजार था लेकिन कभी भी वो इसमें सफल नहीं हो पाए थे. उनके करियर में इकलौता ग्रैंड स्लैम 2017 में आया था, जब उन्होंने फ्रेंच ओपन में मिक्स्ड डबल्स का टाइटल जीता था.
मेलबर्न पार्क में हुए इस फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की इस जोड़ी को जीत हासिल करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. टूर्नामेंट में सेकेंड सीड इस जोड़ी को पहले सेट में थोड़ी टक्कर मिली लेकिन टाई ब्रेकर में उन्होंने इटैलियन जोड़ी को रोक दिया. दूसरा सेट भी टाई-ब्रेकर की ओर जाता हुआ दिख रहा था लेकिन 5-5 की बराबरी के बाद बोपन्ना और एब्डेन ने बोलैली-वावासोरी की सर्विस ब्रेक करते हुए जीत की ओर कदम बढ़ाया. फिर अगले ही गेम में बोपन्ना-एब्डेन ने अपनी सर्विस पर खिताब जीत लिया.
इस जीत के साथ ही बोपन्ना ने अपने लिए इस हफ्ते का शानदार अंत किया. ऑस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचते ही ATP रैंकिंग में पहली रैंक पक्की कर ली थी. इसके साथ ही वो नंबर-1 रैंक तक पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए थे. इसके एक दिन बाद ही उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री अवॉर्ड देने का ऐलान किया. अब उन्होंने पहली बार मेंस डबल्स का खिताब जीतकर अपना इंतजार भी खत्म किया.