7 seats of Delhi : दिल्ली की 7 सीटों पर क्या आप-कांग्रेस का गठबंधन,बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ा करेगा
7 seats of Delhi : लोकसभा चुनाव (2024) अब अपने अंतिम चरण में है. मंगलसूत्र पर शुरू हुई लड़ाई, विरासत टैक्स, मुसलमान आरक्षण के रास्तों से होते हुए अब संविधान को बचाने तक आ गई है.
25 मई को 8 राज्यों में छठे चरण में मतदान होना है. इस चरण में दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. आज चुनाव प्रचार समाप्त होने के पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरमैन रह चुकी सोनिया गांधी ने दिल्ली के लोगों से कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में अपील करते हुए कहा है कि यह चुनाव देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है. यह चुनाव बेरोजगारी, महंगाई, संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण जैसे मुद्दों पर लड़ा जा रहा है. आपको इस लड़ाई में अपनी भूमिका निभानी है.”
सोनिया गांधी ने कहा, कि “आपका हर एक वोट रोजगार बनाएगा, महंगाई कम करेगा, महिलाओं को सशक्त करेगा और एक सुनहरे भविष्य में समता और बराबरी का भारत बनाएगा. मैं आपसे अपील करती हूं कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन के उम्मीदवारों को दिल्ली की सातों सीटों पर भारी मतों से विजयी बनाइए.
यहां आपको बताते चलें कि कांग्रेस भाजपा को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. सीट बंटवारे में तीन लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस जबकि चार आम आदमी पार्टी के हिस्से आई है. जबकि वहीं भारतीय जनता पार्टी पिछली बार की तरह क्लीन स्वीप करने की जुगत में है.
आइए जानते हैं दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर क्या है स्थिति….
7 seats of Delhi : उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों में से उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है. इस सीट पर हर किसी की नजर है. उत्तर पूर्वी सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के कन्हैया कुमार हैं. मनोज तिवारी एक ऐसे सांसद है जिस पर बीजेपी ने तीसरी बार उन्हें चुनावी रण में उतारा है. वहीं, कन्हैया कुमार ने छात्र राजनीति से शुरुआत की और अब राहुल गांधी उन पर काफी भरोसा जता रहे हैं. इस सीट में अधिकतर मतदाता ऐसे हैं, जो पूर्वांचल के हैं.
बीजेपी और कांग्रेस ने बिहार के नेताओं को टिकट दिया है. दोनों नेता भले ही बिहार से हैं, लेकिन इनकी राजनीति दिल्ली में ही शुरू हुई है. इससे यह मुकाबला और भी रोचक हो गया है. उत्तर पूर्वी सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा सीट आती हैं. इनमें से अधिकतर विधानसभा AAP के कब्जे में है. यह दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है. इस लोकसभा सीट में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. साथ ही उत्तराखंड और पूर्वांचल के लोग भी बड़ी तादाद में रहते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी के खिलाफ दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित कांग्रेस से प्रत्याशी थी, लेकिन वह हार गई थी.
7 seats of Delhi : नई दिल्ली लोकसभा सीट
इस सीट पर बीजेपी की बांसुरी स्वराज और आप के सोमनाथ भारती के बीच टक्कर होगी. इस सीट को राजधानी की वीवीआइपी सीट माना जाता है. इस सीट की अहमियत इसी बात से लगाई जा सकती है कि राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और सांसदों के बंगले, सुप्रीम कोर्ट के अलावा इंडिया गेट, अमृत उद्यान, प्रधानमंत्री संग्रहालय जैसे दर्शनीय स्थल इसी के अंतर्गत आते हैं. इस संसदीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में केंद्र और राज्य सरकार के दफ्तर और कालोनियां हैं.
भाजपा ने इस बार इस सीट से मीनाक्षी लेखी का टिकट काटकर बांसुरी स्वराज को प्रत्याशी बनाया है. बांसुरी बीजेपी की कद्दावर नेता रही पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी हैं. वो अपनी मां की ही तरह देश के संवेदनशील मुद्दों पर मुखर रहती हैं.
वहीं, इंडिया गठबंधन के तहत इस सीट आम आदमी पार्टी ने सोमनाथ भारती पर दांव लगाया है. इस सीट से दोनों प्रत्याशी पेशे से वकील हैं.
7 seats of Delhi : चांदनी चौक लोकसभा सीट
चांदनी चौक लोकसभा सीट पर हुए पिछले दो चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी. डॉक्टर हर्षवर्धन यहां से सांसद थे. इस बार उनका टिकट कट गया. बीजेपी ने इस बार वैश्य नेता प्रवीण खंडेलवाल को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी जेपी अग्रवाल से है.
बीजेपी प्रत्याशी प्रवीण खंडेलवाल व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कनफेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव हैं. चांदनी चौक व्यापारियों का अड्डा माना जाता है, ऐसे इस क्षेत्र में प्रवीण खंडेलवाल की मजबूत पकड़ बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती. वहीं, जेपी लोकसभा में उत्तर पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. ऐसे में इन नेताओं के बीच होने वाला मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है.
7 seats of Delhi : पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट
इस सीट पर पूर्वांचली मतदाताओं की बड़ी तादाद है. इस लोकसभा सीट से 2019 का चुनाव दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने जीता था. इस बार बीजेपी ने उनकी जगह महिला प्रत्याशी कमलजीत सहरावत को टिकट दिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है.
बीजेपी पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर पिछले दो बार से चुनाव जीतती आ रही है. हालांकि, इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी 10 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. वहीं, महाबल मिश्रा की इस सीट पर पहले से पकड़ है. वह मूलतः बिहार के रहने वाले हैं. पश्चिमी दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार के लोग भी रहते हैं. ऐसे में इस सीट पर दोनों पार्टियों ने वोटरों को साधने के लिए अलग-अलग दांव चले हैं. इस बार मुकाबला कांटे का होगा. इस लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा आते हैं. इसमें जनकपुरी, तिलक नगर, सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, मदीपुर, हरिनगर, उत्तम नगर, द्वारका, नजफगढ़ और विकास पुरी शामिल हैं.
7 seats of Delhi : दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट
इस सीट से बीजेपी ने रामवीर सिंह बिधूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से यह सीट आम आदमी पार्टी की झोली में है. AAP ने सहीराम पहलवान को प्रत्याशी बनाया है. दक्षिण दिल्ली सीट गुर्जर बहुल सीट मानी जाती है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने इस सीट पर गुर्जर प्रत्याशी उतारे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने यहां से जीत हासिल की थी. हालांकि, 2024 के चुनाव में उनका टिकट कट गया है.
यहां पर अब तक हुए 13 चुनावों में 4 बार कांग्रेस और 7 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है. यानी इस लोकसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है.
7 seats of Delhi : उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट
दिल्ली की एकमात्र यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सूफी गायक हंसराज हंस को प्रत्याशी बनाया और वह विजय हुए थे. इस बार भाजपा ने उत्तर पश्चिम सीट पर योगेंद्र चंदोलिया को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस ने उदित राज को उम्मीदवार बनाया है.
2014 में बीजेपी ने उदित राज को पार्टी ने टिकट दिया था. तब उन्होंने AAP प्रत्याशी राखी बिड़लान को हराया था. 2019 में टिकट कटने के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस बार चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंदोलिया के खिलाफ उदित राज पर ही दाव लगाया है.
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7 seats of Delhi : पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने क्रिकेटर गौतम गंभीर को उम्मीदवार बनाया था और वह विजयी हुए थे. हालांकि, इस बार बीजेपी ने हर्ष मल्होत्रा को चुनावी रण में उतारा है. हर्ष मल्होत्रा पूर्वी दिल्ली से निगम पार्षद और वर्ष 2015-16 में दिल्ली के मेयर भी रह चुके हैं.
वहीं, इस बार इस सीट से आम आदमी पार्टी ने कोंडली विधानसभा से विधायक कुलदीप कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम वोट नहीं बटेंगे. साथ ही कुछ सिख वोट भी इंडिया गठबंधन को मिलने की उम्मीद है. ऐसे में बीजेपी के लिए जीत का रास्ता कठिन हो सकता है.