92% मामलों में नाबालिग बच्चियों के साथ परिवार के करीबी ही करते हैं रेप : शिवराज सिंह चौहान
दमोह : देश में मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं की मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निंदा की है. शुक्रवार (20 अप्रैल) को दमोह में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘92% मामलों में नाबालिग बच्चियों के साथ परिवार के जानकार ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देते हैं. उन्होंने कहा, मैं उस वक्त सदमे में आ गया जब मैंने यह खबर पढ़ की एक नाबालिग लड़की के साथ उसके पिता ने ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. सभा को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा, ‘मैं सभी से आग्रह करता हूं कि ऐसे बिल को पास कराया जाए, ताकि बलात्कारियों को फांसी की जा दी जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘इंदौरा की घटना ने आत्मा को झकझोंर कर दिया है. इतनी छोटी बच्ची के साथ ऐसा घिनौना कृत्य. समाज को अपने अंदर झांकने की जरूरत है. प्रशासन ने आरोपी को गिरफ्तार किया है. हम सुनिश्चित करेंगे उसे जल्द से जल्द कड़ी सजा मिलें.’
नहीं पड़ेगा इसका कोई असर
इससे पहले डीएमके प्रवक्ता ए सरवणन ने कहा, ‘यह पीड़ितों या उनके नजदीकी और प्रियजनों के पीड़ितों को कम करने वाला नहीं है, शायद यह जरूरी है लेकिन यह पीड़ितों को किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं दे पाएगा.’
अध्यादेश लाएगी केंद्र सरकार
उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल की पृष्ठभूमि में सरकार बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की योजना बना रही है. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को भी मौत की सजा सुनाई जा सकती है. पॉक्सो कानून के आज के प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है. वहीं, न्यूनतम सजा सात साल की जेल है.